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आवश्यक वस्तु व कृषि उत्पादन-व्यापार अधिनियम वापस हो

Essential Commodities and Agricultural Production-Trade Act is back
किसान सभा ने इटावा क्षेत्र के गांवों में सांकेतिक प्रदर्शन कर जताया विरोध

इटावा। केंद्र सरकार द्वारा हाल में लाए गए आवश्यक वस्तु और कृषि उत्पादन एवं व्यापार अधिनियम संशोधन विधेयक के विरोध में इटावा के गांवों में सांकेतिक प्रदर्शन कर इन्हें वापस किए जाने की मांग उठाई।
ग्राम ऊमरसेंडा, साम्हों तथा नगला भोज में प्रतीक स्वरूप अभिलेख जलाकर प्रदर्शन करते हुए किसान सभा ने दोनों अधिनियमों को किसान विरोधी ठहराया ।

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इन अधिनियमों को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की गई है। किसान सभा के जिलाध्यक्ष रामप्रकाश गुप्त ने कहा कि देश में फैल रही कोरोना जैसी घातक महामारी से देश की जनता को बचाने के बजाय केंद्र सरकार खेती व किसानों को तबाह करने पर उतारू है। सरकार द्वारा स्वयं घोषित मूल्य न देकर तथा लाकडाउन में किसानों की मदद करने के बजाय किसान की जमीन और उसके उत्पादों को देशी विदेशी पूंजीपतियों के हाथों खुली लूट के लिए रास्ते खोल रही है।

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किसान सभा के नेता ने उपरोक्त अधिनियम वापस लेने के साथ ठेका खेती कानून वापस लेने और पीएम किसान योजना में प्रत्येक किसान को 18 हजार रुपए प्रति वर्ष देने, फसलों की सरकारी खरीद करने,नहरों,माइनरों में समय रहते टेल तक पानी छोड़ने,मनरेगा में सभी श्रमिकों को काम देने तथा उसकी नकद मजदूरी देने,गैर आयकर दाताओं को लाकडाउन के दौरान 10 हज़ार रुपये देने की मांग की है।
प्रदर्शन के दौरान अनिल दीक्षित,शिव राम सिंह, आपेन्द्र कुमार,दुर्गविजय सिंह,सुरेश सिंह यादव, दिनेश कुमार,पवन पिन्टू,कन्हैया लाल,चन्द्र प्रकाश,दुर्वीन सिंह यादव,राधा मोहन आदि किसान नेता रहे।

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