मुम्बई: लॉकडाउन के दौरान लोगों के लिए मसीहा बने सोनू सूद ने लोगों के दिलों में अलग जगह बना ली है। आलम यह है कि आज कोई सोनू सूद की जमकर तारीफ कर रहा है। यहाँ तक नेता से लगाए अभिनेता तक उनकी कार्य की सराहना कर रहे है। लाखों मजदूरों को घर पहुंचाने के बाद सोनू सूद ने अब प्रवासी मजदूरों के लिए और बीड़ा उठा लिया है। अभिनेता सोनू सूद ने नोएडा में बीस हजार प्रवासी श्रमिकों के रहने की व्यवस्था करने का खुलासा किया है। लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों को उनके घर भेजने में सहायता करने को लेकर प्रशंसा पाने वाले सूद ने इस बात की जानकारी अपना इंस्टाग्राम अकाउंट से दी है।
लाखों प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के बाद भी सोनू सूद अभी भी उन लोगों की मदद कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एक पीड़ित का घर बारिश की वजह से टूट गया था सोनू सूद ने उनके घर का छत लगवा दिया। इसी तरह एक गरीब किसान अपनी दो बेटियों के साथ अपने खेत की जुताई कर रहा था जिसके बाद सोनू सूद ने उसके घर पर ट्रैक्टर भिजवा दिया। अब एक बार फिर सोनू सूद नोएडा में 20,000 प्रवासी मजदूरों को घर बना कर देने जा रहे हैं।उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पहल ‘प्रवासी रोजगार’ के तहत कई श्रमिकों को नोएडा के कपड़ा कारखानों में रोजगार भी दिलाया गया है बाकी कामगारों के लिए रोजगार का इंतजाम किया जा रहा है।
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सोनू सूद अपनी दरियादिली के लिए पूरे देश में विख्यात हो गए हैं। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा “मुझे खुशी है कि अब 20,000 प्रवासी श्रमिकों के रहने की व्यवस्था कर रहा हूं. इन श्रमिकों को प्रवासी रोजगार के तहत नोएडा के कपड़ा कारखानों में रोजगार भी दिलाया गया है. सोनू ने लिखा है कि एनएईसी अध्यक्ष ललित ठकराल की सहायता से हम सब मिलकर चौबीस घंटे प्रवासी रोजगार के लिए काम कर रहे हैं.” सोनू सूद ने यह भी आश्वासन दिया कि श्रमिकों को स्वच्छ आवासीय सुविधा भी मुहैया करवाई जाएगी. सूद ने देश के विभिन्न हिस्सों में रोजगार हासिल करने में मदद के लिए हाल ही में एक ऐप भी जारी किया था।
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गौरतलब हो कि सोनू सूद ने कुछ दिन पहले ही प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए ऐप को लांच किया था। प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए सोनू सूद के पोर्टल प्रवासी रोजगार में 4 से 5 लाख रेडीमेड गारमेंट से जुड़े कामगारों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इस रजिस्ट्रेशन के बाद श्रमिकों का आना भी शुरु हो गया लेकिन सवाल ये था कि आखिर ये श्रमिक रहेंगे कहां? लिहाजा कामगारों के रहने के लिए प्राधिकरण और प्रशासन से खाली आवास की मांग की गई जो कि मंजूर हो गई।