एक आतंकी की मौत और एक भारतीय जवान शहीद, एक जवान भी घायल
श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर में आतंकियों द्वारा भाजपा नेताओं को अपना निशाना बनाये जाने पर भारतीय सशस्त्र बल आतंकियों को सफाये में जुट हए है । पुलवामा जिले के कामराजपोरा इलाके में आज तड़के सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। मुठभेड़ के दौरान एक आतंकी मारा गया है। मुठभेड़ में दो सैन्य कर्मी भी घायल हो गए इनमें से एक की अस्पताल में मौत हो गई है।
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जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया है। जबकि एक जवान भी शहीद हुआ है। फिलहाल इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है। खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली की पुलवामा जिले के कमराजीपोरा में एक बाग में आतंकी छिपे हैं, सूचना मिलते ही सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया और इलाके में तलाशी अभियान चलाया। खुद को घिरा देख आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग कर दी। सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की। हालांकि कार्रवाई के दौरान एक जवान शहीद हो गया है, लेकिन एक आतंकी भी मारा गया है। सुरक्षाबलों ने फिलहाल इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रखा है। घटनास्थल से एक-47, ग्रेनेड के साथ ही अन्य आपत्तिजनक सामान भी बरामद हुआ है। जिन्हें पुलिस ने कब्जे में ले लिया है।
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इससे पहले मंगलवार को सीमा पार से हथियारों की तस्करी के हिजबुल मुजाहिदीन के मॉड्यूल का सुरक्षाबलों ने उत्तरी कश्मीर के सीमांत जिले कुपवाड़ा में पर्दाफाश किया है। एक आतंकी और चार ओजीडब्ल्यू को गिरफ्तार किया गया है। इनके कब्जे से एक एके 47 राइफल, दो 9 एमएम की चीनी पिस्टल और मैगजीन बरामद हुई है। इन हथियारों को घाटी में सक्रिय आतंकियों तक पहुंचाना था।
शोपियां मुठभेड़ पर विवाद का संज्ञान लेते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस राजौरी से लापता श्रमिकों का पता लगाने के लिए उनके परिजनों के डीएनए के नमूने लेकर मारे गए आतंकियों के डीएनए से मिलान करेगी। इस बीच, उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान ने कहा कि कुछ लोग कश्मीर के हालात बिगाड़ने के लिए विवाद को तूल दे रहे हैं। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। लोगों को किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले जांच के परिणाम का इंतजार करना चाहिए।इस बीच, शोपियां के अमशीपोरा के निवासियों ने राजौरी के तीन श्रमिकों के गायब होने की पुष्टि तो की है, लेकिन किसी ने यह नहीं माना कि मारे गए आतंकी वही थे। उनके मुताबिक, आतंकियों के चेहरे पूरी तरह बिगड़े थे।
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गौरतलब है कि शोपियां के अमशीपोरा में 18 जुलाई को सेना की 62 आरआर के जवानों ने तीन आतंकियों को मार गिराया था। इन आतंकियों के शवों के नमूने लेने के बाद बारामुला में दफनाया गया था। रविवार को राजौरी में कोट्रंका तहसील के तीन परिवारों ने इन आतंकियों की तस्वीरों के आधार पर दावा किया है कि मरने वाले आतंकी नहीं बल्कि उनके परिजन हैं और वे मजदूरी के लिए शोपियां गए थे। लापता श्रमिकों में 20 वर्षीय इम्तियाज अहमद, 18 वर्षीय इबरार अहमद के अलावा 25 वर्षीय मोहम्मद अबरार शामिल हैं।
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