मुंबई। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के अंधेरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र के लिए आगामी उपचुनाव में शिवसेना के चुनाव चिह्न ‘धनुष-बाण’ के उपयोग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समूह और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समूह के प्रत्याशी अलग-अलग चुनाव चिह्न से चुनाव मैदान में होगें। आयोग ने यह अंतरिम आदेश शनिवार को मुंबई में अंधेरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव की पृष्ठभूमि में दिया है। आयोग ने दोनों गुटों को इन उपचुनावों के लिए चुनाव आयोग द्वारा अधिसूचित मुक्त प्रतीकों की सूची में से अलग-अलग चुनाव चिह्न चुनने को कहा है। उद्धव और शिंदे गुट, दोनों को ही चुनाव आयोग को 10 अक्टूबर तक नए चुनाव चिह्न और अपने दल के नाम के बारे में बताना है जिनको वह इस अंतरिम आदेश के लागू रहने तक अपनाना चाहते हैं।
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उद्वव ठाकरे समूह ने चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद रविवार (आज) दोपहर 12 बजे बैठक बुलाई है। बैठक मातोश्री में होगी। इस बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। सूत्रों के अनुसार उद्धव ठाकरे गुट चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ शीर्ष न्यायालय जा सकता है। इससे पहले, शिवसेना के ठाकरे धड़े ने चुनाव आयोग से पार्टी के 10 से 15 लाख प्राथमिक सदस्यता आवेदन जमा करने के लिए चार सप्ताह की अवधि मांगी थी। ठाकरे समूह के वकील ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
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चुनाव चिह्न ‘धनुष बाण’ को लेकर चुनाव आयोग के निर्देश पर शिवसेना के ठाकरे समूह ने अपना पक्ष रखा। इस गुट के वकील सनी जैन ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों के हलफनामे चुनाव आयोग को सौंप दिए गए हैं और पार्टी के ढाई लाख से अधिक सदस्य अपना हलफनामा दाखिल करेंगे। एकनाथ शिंदे के गुट ने धनुष-बाण पर दावा करते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिखा था। आयोग ने इसके बाद उद्धव ठाकरे गुट को शनिवार तक इस पर जवाब देने के लिए कहा था।
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शिंदे गुट ने चुनाव आयोग से तीन नवंबर को अंधेरी पूर्व सीट पर होने वाले उपचुनाव से पहले चुनाव चिह्न आवंटित करने का अनुरोध किया था ताकि चुनाव चिह्न के दुरुपयोग से बचा जा सके। साथ ही उन्होंने ‘धनुष-बाण’उनको दिए जाने की मांग की थी। आयोग द्वारा अंधेरी (ई) उपचुनाव से पहले शिवसेना चुनाव चिह्न के इस्तेमाल पर रोक लगाने को ठाकरे गुट के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।