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मैनपुरी जनपद में शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही आयी सामने

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मैनपुरी जनपद में शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही आयी सामने
मैनपुरी जनपद में शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही आयी सामने
  • 21 साल से कर रही थी फ़र्जी शिक्षका कर रही थी नौकरी
  • गुमनाम व्यक्ति की फोन कॉल से मामला आया सामने
  • अनामिका शुक्ला जैसा मामला मैनपुरी में भी आया सामने

मैनपुरी : मैनपुरी जनपद के शिक्षा विभाग के नाक के नीचे पिछले 21 वर्षों से एक फर्जी शिक्षका नौकरी करती रही और शिक्षा विभाग के आला अधिकारी आँख बंद करके सोते रहे। मामले का खुलासा तब हुआ जब एक गुमनाम व्यक्ति ने फोन करके बताया कि प्राथमिक विद्यालय घूराई में विमलेश कुमारी नाम की महिला जो कि विद्यालय की प्रधानाचार्य है उसके सभी प्रमाण पत्र फ़र्जी हैं और वो किसी और के प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रही है।
इस फ़ोन कॉल के बाद शिक्षका की जांच शुरू हुई तो फोन करने वाले व्यक्ति की बात सही साबित हुई। शिक्षका में फर्जी पाए जाने पर विभाग ने शिक्षका के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है वहीं फर्जी शिक्षका अभी फरार है।

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आपको बताते चलें कि पूरा मामला जनपद के घिरोर ब्लॉक के गुलाबपुर प्राथमिक विद्यालय में 1999 में विमलेश कुमारी को शिक्षका के पद पर तैनात किया गया था। 2003 में विमलेश का तबादला प्रमोसन के साथ प्राथमिक विद्यालय घूराई के लिए कर दिया गया। घूराई में विमलेश प्रधानाचार्य के पद पर कार्य करती रही। वर्तमान में विमलेश मैनपुरी के गोपीनाथ अड्डे के पास रहती थीं उनके कागजों में उनका पता एटा जनपद के जैथरा कस्बे के शास्त्री नगर में रहने वाले हाकिम सिंह की पुत्री के रूप मे दर्ज था। जिन प्रमाण पत्रों के आधार पर ये शिक्षका नौकरी कर रही थी उनकी जांच कराने पर पता चला कि विमलेश कुमारी ये है ही नहीं दस्तावेज तो विमलेश कुमारी के थे मगर फ़ोटो किसी और की लगी थी।

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असली विमलेश कुमारी एटा के अमृतपुर में नौकरी कर रही हैं। जब असली विमलेश से पूछताछ की गई तो वो ये नहीं बता पायीं की उनके दस्तावेज नकली विमलेश तक कैसे पहुंचे। और तो और अभी तक ये पता नहीं लग पाया है कि नकली विमलेश का नाम और पता क्या है। जांच की भनक लगते ही फ़र्जी शिक्षका फरार हो गई। शिक्षा विभाग ने अपना पल्ला झाड़ने के लिए खण्ड शिक्षा अधिकारी से फ़र्जी शिक्षका के ऊपर एफआईआर दर्ज कर दी। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस जांच में जुट गई है।
वहीं इस मामले में बीएसए का कहना है कि फर्जी शिक्षका का पता चलते ही रिकवरी की कार्यवाही भी की जाएगी।

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