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पारंपारिक हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया दशहरा पर्व

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पारंपारिक हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया दशहरा पर्व

पारंपारिक हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया दशहरा पर्व

नयी दिल्ली अधर्म पर धर्म और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा (विजया दशमी) पर्व बुधवार को पूरे देश में पारंपरिक हर्षाेल्लास एवं धूमधाम से मनाया गया। दशहरा मनाने के लिए हिंदू धर्मावलंबियों ने व्यापक तैयारियां की। विजयादशमी पर ही भगवान श्रीराम ने बुरायी और अन्याय के प्रतीक लंका के राजा रावण का वध किया था। इसलिए नागरिक विजयादशमी पर्व मनाते हैं। विजयादशमी को अस्त्र-शस्त्र पूजन का भी विशेष विधान है और आज सुबह से ही अनेक स्थानों पर अस्त्र-शस्त्र की पूजा की गयी। सोशल मीडिया के जरिए नागरिकों ने एक-दूसरे को विजयादशमी की बधाइयां दीं। इस साल दशहरा यानी विजयादशमी के त्योहार पर बहुत अद्भुत संयोग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साल में विजयादशमी ऐसा त्योहार है जिसे साढ़े तीन अबूझ मुहूर्त में से एक माना जाता है यानी कि दशहरा का पूरा दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए बहुत फलदायी होता है।

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विजयादशमी पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने रावण और देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध कर बुराई पर अच्छाई के प्रतीक का संदेश दिया था। दशहरा के दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा का विधान है। मान्यता है कि विजयादशमी पर शस्त्र पूजा से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। दशहरा पर विजय मुहूर्त या अपराह्न काल में पूजा करना उत्तम माना गया है। श्रवण नक्षत्र में श्रीराम और उनकी वानर सेना ने लंका पर आक्रमण किया था और विजय का परचम लहराया था, इसलिए इस दिन प्रदोषकाल में रावण का पुतला जलाने की परंपरा है। नयी दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में विजयादशमी के पर्व पर रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले दहन किये गये। देश में कुछ स्थानों पर बारिश होने से रावण दहन से संबंधित आयोजन प्रभावित होने की आशंका बनी हुई थी। विजयादशमी पर जहां पूरे देश मे उत्साह का माहौल रहता है। जोधपुर में रावण दहन के बाद शोक मनाया जाता है, जहाँ पूरे देश मे रावण दहन करने के बाद जश्न मनाया जाता है। जोधपुर में एक समाज ऐसा भी है, जो रावण दहन के बाद शोक मनाता है। जोधपुर रावण का ससुराल है। लिहाजा जोधपुर में रावण के वंशज रावण दहन के बाद शोक मनाते हुए। रावण के लिए पूजा-अर्चना करते हैं।

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दरसअल, जोधपुर में रावण के वंशज रहते हैं। जोधपुर में श्रीमाली गोधा ब्राह्मण समाज खुद को रावण के वंशज मानते हैं लिहाजा हर साल रावण दहन के बाद श्रीमाली गोदा ब्राह्मण परिवार के सदस्य रावण दहन के बाद उनके लिए पूजा- अर्चना कर शोक मनाते हैं। जोधपुर चांदपोल इलाके में रहने वाले श्रीमाली गोधा ब्राह्मण परिवार रावण को महान ज्योतिष और पंडित मानते थे लिहाजा रावण दहन के बाद परिवार के सदस्य रावण के लिए शोक के प्रतीक पूजा-अर्चना करते हैं। श्रीमाली गोदा ब्राह्मण परिवार के लोगों ने रावण का मंदिर भी बना रखा है, जहां पर हर साल रावण दहन के बाद परिवार के सभी लोग मिलकर रावण के लिए शोक करते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। रावण की पत्नी मंदोदरी जोधपुर के मंडोर के राजा की पुत्री थी। बताया जाता है कि मंडोर के राजा मायासुर ने ब्रह्मा के आशीर्वाद से अप्सरा हेमा के लिए मंडोर का निर्माण कराया था। लिहाजा उनकी संतान का नाम मंदोदरी रखा गया। मंदोदरी बहुत सुंदर थी लिहाजा उनके वर की तलाश की गई और मंदोदरी के योग्य वर के रूप में रावण से उनकी शादी विधि-विधान से कराई गई। मंडोर क्षेत्र में रावण और मंदोदरी की शादी का मंडप के रूप में हेरीटेज धरोहर आज भी मौजूद हैं।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों ने विजय के प्रतीक पावन पर्व विजयादशमी की बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। श्री धनखड़ ने दशहरे के अवसर पर बुधवार को यहां जारी संदेश में कहा कि बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक दशहरा, धर्म में हमारी आस्था को और भी दृढ़ करता है। यह पर्व, सत्य, न्याय, करुणा, कर्तव्य तथा साहस जैसे भगवान राम के सद्गुणों को स्मरण करने तथा उनसे प्रेरणा लेने का है। उन्होंने कहा, “ सम्पूर्ण भारत में पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने वाले पर्व, दशहरा के सुअवसर पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं तथा बधाई देता हूं। मेरी कामना है कि यह त्यौहार राष्ट्र में शांति, समृद्धि तथा सौहार्द लाए। ” श्री मोदी ने टि्वटर पर अपने संदेश में सभी देशवासियों को विजय के प्रतीक पर्व विजयादशमी की बहुत-बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा,“ मेरी कामना है कि यह पावन अवसर हर किसी के जीवन में साहस, संयम और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आए। ”

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केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी देशवासियों को दशहरा की बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि बुराई पर अच्छाई, अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की जीत का यह महापर्व सभी के जीवन में नई ऊर्जा एवं प्रेरणा का संचार करे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने विजयदशमी पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। श्री गांधी ने अपने शुभकामना संदेश में कहा, “ नफरत की लंका जले, हिंसा का मेघनाद मिटे, अहंकार के रावण का अंत हो, सत्य और न्याय की विजय हो। समस्त देशवासियों को विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएं।” श्रीमती वाड्रा ने कहा,“आप सभी को असत्य, अहंकार एवं अन्याय पर करुणा, सत्य, विनम्रता व न्याय की विजय के प्रतीक पर्व विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएं। ”

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