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सादगी से मना दशहरा, मेले नहीं लगे, जहां-तहां बच्चों ने रावण दहन की औपचारिकता निभाई

सादगी से मना दशहरा, मेले नहीं लगे, जहां-तहां बच्चों ने रावण दहन की औपचारिकता निभाई
सादगी से मना दशहरा, मेले नहीं लगे, जहां-तहां बच्चों ने रावण दहन की औपचारिकता निभाई

औरैया। यूपी के औरैया जिले में रविवार को दशहरा बेहद सादगी से मनाया गया। कोविड-19 के चलते इस साल पहले की तरह धूमधाम नहीं दिखी और पारंपरिक तौर पर हर साल रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले दहन करने के कार्यक्रम भी रद्द रहे। हर साल औरैया शहर, दिबियापुर के गेल गांव में दशहरा उत्सव के दौरान आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में भारी भीड़ जुटती थी।

सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के तहत बड़ी संख्या में भीड़ जुटाने, मेला आयोजित करने अथवा खाद्य पदार्थों की स्टॉल लगाने पर रोक लगायी गई थी। जिले में इक्का-दुक्का स्थानों पर रामलीला के आयोजन हुए। औरैया शहर व फफूंद में करीब डेढ़ सौ सालों से होने वाली रामलीला इस बार स्थगित रही तो दशहरा मेला का कार्यक्रम भी नहीं हुआ। औरैया व अन्य कस्बों में रामलीला समितियों ने पारंपरिक तौर पर हर साल रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले दहन करने के कार्यक्रम को रद्द कर दिया था। दशहरा मेला के आयोजन ना होने से बच्चों को निराशा हुई। हालांकि कई जगह छोटे-छोटे बच्चों ने खुद रावण के पुतले तैयार किए थे और दहन की औपचारिकता पूरी की।

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कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर जिले के ज्यादातर नगर कस्बों में रामलीला समितियों ने रामलीला के आयोजन निरस्त कर दिए थे। लिए गए थे। औरैया, दिबियापुर, फफूंद आदि में रामलीला मैदान इस साल सुनसान नजर आए। क्योंकि इस बार रामलीला समितियों का दशहरा कार्यक्रम भी रद्द करने का निर्णय था।

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