पोषण एवं औषधि गुणों से परिपूर्ण है सहजन- क्षेत्रीय आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी
इटावा । सहजन की जड़ से पत्ती तक पोषण व औषधि गुणों से परिपूर्ण है। तभी तो इसको सुपर फूड भी कहा जाता है। यह कहना है क्षेत्रीय आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज दीक्षित का। उन्होंने बताया कि सहजन में लगभग सभी पोषक तत्व जैसे- प्रोटीन ,आयरन , अमीनो एसिड कैल्शियम , पोटेशियम, मैग्नीशियम,विटामिन ए ,सी ,बी कॉन्प्लेक्स प्रचुर मात्रा में होते हैं। सबसे अच्छी बात कि यह पूरे भारत में बड़े ही आसानी से उपलब्ध है।
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उन्होंने बताया कि इसकी पत्तियां, फूल,बीज में काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट शरीर में रेडियोएक्टिवता को कम कर कैंसर व अर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारियों से भी बचाव करता है। डॉ दीक्षित ने बताया सहजन की पत्तियों के अर्क में मधुमेह विरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जिस वजह से मधुमेह रोगी पत्तियों का अर्क ले तो उसे फायदा होता है। हृदय रोगियों को भी सहजन की पत्तियों व फलों के सेवन से फायदा होता है।
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इन पत्तियों में ओमेगा 3 फैटी एसिड अच्छी मात्रा में होते हैं जो कोलेस्ट्रोल को भी कम करते हैं। डॉ दीक्षित ने बताया कैंसर ,उच्च रक्तचाप, और यकृत रोग, कब्ज,रक्ताल्पता,त्वचा रोग आदि रोग में में भी सहजन का सेवन बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है। उन्होंने बताया कि प्राचीन काल से ही आयुर्वेदिक दवाइयों में भी सहजन की पत्ती,जड़ों, बीच का प्रयोग किया जा रहा है।
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जिला अस्पताल आहार व पोषण विशेषज्ञ डॉ अर्चना सिंह ने बताया कि सहजन का सेवन करने से किशोरियों और गर्भवती महिलाओं को खून की कमी नहीं होती। उन्होंने बताया सहजन की जड़ से पत्तियां तक औषधि गुणों से भरपूर होती हैं इसलिए यह कई रोगों को दूर करने में सहायक होती हैं- बीज पीड़ा नाशक, एलर्जी नाशक, जीवाणु रोधी, विषाणु रोधी होते हैं। पत्तियां- अल्सर रोधी,मधुमेह व फंगस जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक होती है।
जड़ कैंसर रोधी और पीड़ा नाशक होती है।
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सहजन का प्रयोग
पत्तियां
सहजन की पत्तियों को काढ़ा बनाकर प्रयोग कर सकते हैं। पत्तियों को सुखाकर पाउडर बनाकर आटे के साथ मिलाकर सेवन करने पर कुपोषण को दूर किया जा सकता है। सहजन की पत्तियों का रस एक अच्छा हेल्थ सप्लीमेंट भी है जो खून की कमी को दूर करता है।
फूल
सहजन के फूल का प्रयोग हर्बल टॉनिक के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं जो विभिन्न रोगों को दूर करने में सहायक है।
जड़
इसकी जड़ को कूटकर सेंधा नमक व हींग के साथ काढ़ा तैयार कर पीने से स्वास्थ्य वर्धक होता है, साथ ही मिर्गी रोग में लाभकर होता है।
फलियां
दाल,सांभर, सब्जी, सूप आदि में इनका प्रयोग कर सकते हैं इनका सेवन करने से कब्ज की शिकायत दूर होती है और पाचन तंत्र मजबूत होता है और रक्त अल्पता की समस्या का निदान मिलता है।