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सहार की प्राचीन रामलीला में हुआ धनुष यज्ञ का आयोजन

सहार की प्राचीन रामलीला में हुआ धनुष यज्ञ का आयोजन

सहार की प्राचीन रामलीला में हुआ धनुष यज्ञ का आयोजन

सहार (औरैया )। कस्बा सहार में आदर्श रामलीला कमेटी द्वारा रामलीला का आयोजन कराया जा रहा है लगभग सौ वर्षों से कमेटी द्वारा लगातार रामलीला का भव्य आयोजन कराया जा रहा है।आज रामलीला में धनुष यज्ञ का आयोजन किया गया जनकपुरी के राजा विदेहराज जनक ने अपनी पुत्री सीता के विवाह के लिए प्रतिज्ञा की जो भी राजकुमार अजगव को तोड़ेगा उसी के साथ सीता का विवाह करूँगा।रामलीला मंचन के दौरान राजा जनक के सीता स्वयंवर के लिए रखा गया शिव धनुष को दूर-दूर से आए राजा उसे जब तिल भर भी न उठा सके तो राजा जनक जी सीता जी के विवाह की चिता में विलाप करने लगे।

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उसी दौरान गुरु की आज्ञा पाकर पहुंचे भगवान श्रीरामचंद्र जी ने उस धनुष को हाथ में पकड़ते ही दो टुकड़े कर दिए और माता सीता जी ने भगवान के गले में वरमाला पहनाई। पंडाल भगवान के जयकारों से गूंज उठा। उसी दौरान भगवान परशुराम जी जनकपुरी पधारे आते ही टूटा शिव धनुष देख क्रोधित हो गए। बोले शिव जी का धनुष किसने तोड़ा है धनुष तोड़ने वाला मेरा सबसे बड़ा शत्रु है विनम्रता भरे शब्दों मे तभी भगवान प्रभु श्रीरामचंद्र जी ने मुनि परशुराम जी से कहा चौपाई नाथ शंभु धनि भंजन हारा होइई कोउ एक दास तुम्हारा।

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हे नाथ शिव धनुष तोड़ने वाला कोई और नहीं आपका ही दास होगा, लेकिन मुनि परशुराम जी का क्रोध शांत होने के बजाए और बढ़ गया। तभी लक्ष्मण जी ने मुनि परशुराम के क्रोध को समझाने के बाद और बढ़ते देख कह उन्होंने कह दिया कि मुनि महर्षि होकर के भी क्रोध करते हो परशुराम जी ने फरसा उठाकर लक्ष्मण को मारने का प्रयास किया तभी प्रभु श्रीराम की सच्चाई जानकर क्षमा याचना की और वापस लौट गए। रामलीला कमेटी अध्यक्ष प्रधान प्रतिनिधि महेंद्र दोहरे,पूर्व प्रधान मोहित अगिनहोत्री,विमलेश शर्मा,विकास त्रिपाठी,जीतू शुक्ला, संजय शुक्ला आदि सदस्य उपस्थिति रहे।सुरक्षा की दृष्टि से सहार थानाध्यक्ष सुधीर भारद्वाज मय फोर्स मौजूद रहे।

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