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एडीजी के यहां एंटी करप्शन ब्यूरो को छापे में मिली आय से अधिक 10 करोड़ से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा

एडीजी के यहां एंटी करप्शन ब्यूरो को छापे में मिली आय से अधिक 10 करोड़ से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा
एडीजी के यहां एंटी करप्शन ब्यूरो को छापे में मिली आय से अधिक 10 करोड़ से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा

छत्तीसगढ़ में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज, घर से मिले सरकार विरोधी सबूत

रायपुर । छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध अन्वेषण एवं एन्टी करप्शन ब्यूरो के छापे में मिले सुबूतों के आधार पर निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है।
आर्थिक अपराध अन्वेषण एवं एन्टी करप्शन ब्यूरो ने पिछले सप्ताह श्री सिंह के ठिकानों पर मारे गए छापों में मिले सुबूतों के आधार पर कल देर रात राजधानी के शहर कोतवाली में राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करवाया। ब्यूरो द्वारा दर्ज करवाई गई प्राथमिकी में उन पर सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।

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पिछले सप्ताह एसीबी ने की थी छापामारी

एन्टी करप्शन ब्यूरो के पूर्व प्रमुख श्री सिंह के घर एवं अन्य ठिकानों पर एक जुलाई को छापेमारी की गई थी,जिसमें ब्यूरो ने लगभग 10 करोड़ रूपए की आय से अधिक की चल-अचल संपत्ति के खुलासे का दावा किया था। उनके सरकारी बंगले से कुछ चिट्ठियां, फटे हुए पन्ने और पेन ड्राइव मिली थीं, जिसकी जांच में सरकार विरोधी गतिविधियों की बात सामने आई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था।अब उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।

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श्री सिंह के सरकारी आवास पर छापे के बाद से ही उनके घर की निगरानी के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था। आखिरी बार वे बिलासपुर में देखे गए थे वह वहां से पुलिस को चकमा देकर गायब हो गए,जिसके बाद उनका पता नहीं है। राजद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद उनकी गिरफ्तारी तय है।श्री सिंह राज्य के पहले भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं जिनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है।

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