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हर जगह से निराश महिला की बचाई जान, ट्यूमर के चलते थी परेशान

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हर जगह से निराश महिला की बचाई जान, ट्यूमर के चलते थी  परेशान
हर जगह से निराश महिला की बचाई जान, ट्यूमर के चलते थी परेशान

चिकित्सा विश्वविद्यालय में कोविड समय में भी जारी विश्वस्तरीय न्यूरोसर्जरी

इटावा। 38 वर्षीया महिला रक्शा सिंह , निवासी फतेहपुर, यूपी पिछले नौ महीने से लगातार असहनीय सिरदर्द की शिकायत से परेशान थी। इसके लिए उन्होंने कई अस्पतालों के चक्कर लगाए, लेकिन उन्हें असहनीय सिरदर्द में कोई आराम नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने यूपी के इटावा स्थित सैफई विश्वविद्यालय के न्यूरोसर्जरी विभाग में दिखाया।

एमआरआई व अन्य कुछ प्रारम्भिक जांचों के बाद पता चला कि उनको 8 गुणा 7.5 सेंमी साइज का राईट फाल्कोटेंन्टोरियल ट्यूमर है, जिसके लिए उन्हें सर्जरी की सलाह दी गयी। यह जटिल न्यूरो सर्जरी विश्वविद्यालय के कुलपति एवं न्यूरो सर्जन प्रो डॉ राजकुमार ने की। सर्जरी में  साढे तीन घंटे का समय लगा। इस जटिल तथा गंभीर सर्जरी में डा0 राजकुमार एवं उनकी टीम के सदस्य डॉ फहीम, डॉ अहमद अंसारी, डॉ हनुमान तथा एनेस्थेसिक डॉ जय एवं ओटी स्टाफ ने भाग लिया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 राजकुमार ने बताया कि मरीज रक्शा सिंह आप्रेशन के बाद बिल्कुल स्वस्थ हैं तथा जल्दी ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जायेगी।

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आप्रेशन करने वाले जाने-माने न्यूरोसर्जन एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ राजकुमार ने बताया कि रक्शा सिंह 38 वर्षीया महिला, निवासी फतेहपुर, यूपी के 8 गुणा 7.5 सेमी0 के फाल्कोटेंन्टोरियल ट्यूमर का आप्रेशन कर पूरा ट्यूमर निकाल दिया गया जो मरीज के दिमाग के पिछले हिस्से में था। इस ट्यूमर की वजह से मरीज के दिमाग में दबाव बन रहा था, जिससे उनके दिमाग के पिछले हिस्से में रक्त प्रवाह में दिक्कत हो रही थी। उन्होंने बताया कि यह एक जटिल सर्जरी है तथा सर्जरी के दौरान खून का ज्यादा बहना, लम्बे समय तक बेहोशी, लकवा, दौरे, साॅस की मशीन आदि पर जाने का खतरा होता है।

इस सम्बन्ध में विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा रमाकान्त यादव ने बताया कि कुलपति प्रो डॉ राजकुमार केे नेतृत्व में कोविड-19 महामारी के दौरान जहाॅ अन्य सभी जरूरी चिकित्सकीय सेवायें विश्वविद्यालय द्वारा सुचारू रूप से संचालित की जा रही हैं, वहीं उनके द्वारा नियमित रूप से न्यूरोसर्जरी के जटिल आप्रेशन भी किये जा रहे हैं।

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हाल ही में इसके पहले भी कुलपति द्वारा 23 वर्षीया पूजा गुप्ता, निवासी ग्राम रनिया, कानपुर देहात के दिमाग के जटिल राइट पेराफेल्साइन ट्यूमर का आप्रेशन कर उनकी जान बचाई गयी। इसके अलावा कुछ दिन पूर्व सकट बिहारी यादव उम्र 95 वर्ष निवासी जागीर तहसील, मैनपुरी जो कि कोविड संक्रमित होने के साथ उच्च रक्तचाप एवं पक्षाघात (स्ट्रोक) से ग्रसित रहे का भी कुलपति के निर्देशन में इलाज चला तथा 95 वर्ष की अवस्था में उन्होंने कोविड संक्रमण को मात देने के साथ स्वस्थ होकर विश्वविद्यालय से अपने घर गये।

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चिकित्सा विश्वविद्यालय में कोविड समय में भी जारी  विश्वस्तरीय न्यूरोसर्जरी
चिकित्सा विश्वविद्यालय में कोविड समय में भी जारी विश्वस्तरीय न्यूरोसर्जरी

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