नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में अर्थव्यवस्था के रिवाइवल के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी. यह पैकेज देश की जीडीपी का 10 प्रतिशत है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया है कि 15 हजार रुपये तक की सैलरी वालों का पीएफ सरकार भरेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह फैसला लिया है कि अगस्त तक कंपनी और कर्मचारियों की तरफ से 12 फीसदी की रकम EPFO में अपनी तरफ से जमा करेगी. देश में संगठित क्षेत्रों को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया गया है. इसके साथ ही इस फैसले से 4 लाख से ज्यादा संस्थाओं को भी फायदा मिलेगा..
ये भी देखें…घर वापसी पर बनें ज़िम्मेदार, कोरोना को हराने का यही है कारगर हथियार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 15 हजार रुपये से कम वेतन वालों का ईपीएफ अगस्त तक केंद्र देगा. वित्त मंत्री के इस फैसले से बहुत सारी कंपनियों ने राहत की सांस ली, क्योंकि वित्त मंत्री के इस फैसले के बाद कंपनियों को इससे काफी फायदा मिलेगा। नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का योगदान सरकार कर रही है. इसमें करीब 2500 करोड़ रुपये का खर्च होगा. इससे 3.67 लाख कंपनियों और 72.22 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा. सरकार के इस ऐलान का फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा, जिनके पास 100 से कम कर्मचारी हैं और 90 फीसदी कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपये से कम है. यानी 15 हजार से ज्यादा तनख्वाह पाने वालों को इसका फायदा नहीं मिलेगा.
ये भी देखें…चिंगारी से लगी आग में फटा सिलेंडर, 5 घर जले
एमएसएमई को 3 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की जाएगी. इन कारोबारियों को 4 साल तक बिना गारंटी के कर्ज मिलेगा. इस कदम से 45 लाख छोटी कंपनियों को फायदा मिलेगा. कुल मिलाकर MSME के 6 बड़े कदम उठाए गए है. स्ट्रेस्ड MSME यानी कर्ज़ में डूबी कंपनियों के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इन कंपनियों को पैसे देकर फिर से पटरी पर लाने की कोशिश है.