बरेली । उत्तर प्रदेश में बरेली जिले की एक अदालत ने मीरगंज थाना क्षेत्र के बहरोली गांव में चर्चित दोहरे हत्याकांड के मामले में बेटे को मंगलवार को मृत्यु दंड की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। जिला शासकीय अधिवक्ता लोक अभियोजक (आपराधिक) सुनीति कुमार पाठक ने बताया कि साक्ष्यों के आधार पर मृत्यु दंड की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय संख्या 14 ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने मीरगंज के चर्चित प्रकरण जिसमें हत्यारे दुर्वेश कुमार ने अपनी मां मोहन देवी (75) और पिता लालता प्रसाद (76) वर्ष हत्या कर दी थी। इस प्रकरण में मंगलवार अपराहन मृत्यु दंड की सजा सुनाई गई है। इस मामले में नौ गवाह पेश किये गये।
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पाठक ने बताया कि मीरगंज थाना में धारा 302 और 3 /5 आर्म्स एक्ट में 13 अक्टूबर 2020 को दर्ज की गयी थी। रिपोर्ट में वादी उमेश कुमार कहा कि उसके सगे छोटे भाई ने माँ और बाप की सारी चल अचल सम्पति हड़पने के उद्देश्य से हत्या की है। आरोपी दुर्वेश कुमार पेशे से अधिवक्ता है। उनके सगे भाई अधिवक्ता उमेश कुमार ने एफआईआर दर्ज कराई थी। संपत्ति के लालच में दुर्वेश कुमार ने अपने माता-पिता की हत्या कर दी थी। वर्ष 2020 से ही गिरफ्तारी के बाद प्रभावी पैरवी के कारण उसकी जमानत नहीं होने दी। उमेश कुमार के मुताबिक 13 अक्टूबर 2020 को वह और उनकी पत्नी हेमलता गंगवार अपने माता-पिता के लिए चाय लेकर जा रहे थे।
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जब वह मंदिर के पास पहुंचे तो घर से फायर की आवाज सुनाई दी। जब वह महिपाल के घर के पास पहुंचे थे तो उन्होंने देखा उनका सगा भाई दुर्वेश कमरे से पिता के शव को कमरे में ले जा रहा था। उनकी चीख सुनकर आरोपी तमंचा लेकर उनकी ओर दौड़ा कि इतने में उनकी मां शौचालय से बाहर आई थी तो दुर्वेश ने उनकी भी गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गया था। उमेश कुमार ने बताया की उनके भाई दुर्वेश कुमार एडवोकेट पिता की प्रॉपर्टी को जबरन हथियाना कहते थे। पिता सभी को बराबर का हिस्सा देने पर अडिग थे। इससे नाराज होकर माता पिता की हत्या कर दी।