- आगरा के जोंस मिल कंपाउंड की जमीन से जुड़े घोटाले की पैरवी करने वाले अधिवक्ता कपिल पवार की हत्या कर शव इटावा के भरथना में फेंका गया था
- आगरा से आए भाइयों व आगरा पुलिस ने की शिनाख्त
इटावा। उत्तर प्रदेश के आगरा के चर्चित भूमि घोटाले जोंस मिल कंपाउंड की वारिस मौरिन जोन के अधिवक्ता कपिल पवार यश की हत्या करके शव को इटावा जिले के भर्थना इलाके की मल्हौली नहर मे फेंक दिया गया । आगरा में वकील के अपहरण का मामला दर्ज है, इसलिए अब अपहरण और हत्या से जुड़ी हुई सारी की सारी विवेचना आगरा पुलिस ही करेगी । इटावा के पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ओमवीर सिंह ने शुक्रवार को बताया कि 27 अक्टूबर को भर्थना इलाके के मल्हौसी नहर से मिले शव के बाबत आज छत्ता पुलिस ने संपर्क स्थापित करके अनजान शव की पहचान अधिवक्ता कपिल पवांर के रूप मे की । पुलिस के साथ कपिल के दो भाई भी पहचान करने के लिए इटावा पहुंचे थे ।
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अधिवक्ता कपिल पवार जीवनी मंडी स्थित जोंस मिल परिसर में ही एक आवास में रहते थे । 26 अक्तूबर की शाम को अपनी कार सहित लापता हुए थे। 27 अक्तूबर को उनकी मां ने छत्ता थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। छत्ता पुलिस ने बाद मे गुमशुदगी को अपहरण के मुकदमे में बदल दिया ।आगरा मे अधिवक्ता की तलाश के लिए सात टीमें लगाई गईं थीं। जीवनी मंडी के सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए । पुलिस ने यमुना एक्सप्रेस वे, लखनऊ एक्सप्रेस वे, खंदौली और टूंडला टोल के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले लेकिन कोई सुराग नही मिल सका ।
उधर इटावा की भरथना के मल्हौसी नहर पुल के नीचे 27 अक्तूबर की सुबह मिली अज्ञात लाश की शिनाख्त अधिवक्ता कपिल पवार के तौर पर की ।अधिवक्ता की पत्नी ममता पवार पुलिस निरीक्षक रही है जिनका साल 2019 मे हार्ट अटैक से निधन हो गया । फिलहाल उनके परिवार मे फिलहाल की उनकी आठ साल की बेटी है जिसके बयान के आधार पर पुलिस ने आठ के आसपास लोगो को हिरासत मे लिया हुआ है जिनसे अधिवक्ता हत्याकांड से जुडे हुए तथ्यो को उजागर करने का प्रयास किया जा रहा है ।
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पुलिस ने ऐसी आंशका जताई गई है कि अधिवक्ता कपिल की हत्या सुपारी देकर उनके ही नजदीकी रिश्तेदारों ने कराई है । आगरा लाश लाकर इटावा के भर्थना तक फेकने पर भी सवाल उठ रहे है । जोंस मिल की आखिरी वारिस मौरिन जोन के अधिवक्ता थे। जोंस मिल प्रकरण के जमीन संबंधी सभी विवादों में वह उनकी ओर से ठोस पैरवी कर रहे थे। जोंस मिल की अरबों की संपत्ति को लेकर मुकदमेबाजी चल रही है । 19 जुलाई को वहां बम धमाका भी हुआ था। मालिक न होते हुए भी भू-माफिया कई जमीनों के सौदे कर चुके हैं। इसमें शहर के कई प्रमुख लोगों के नाम भी सामने आए थे। पुलिस इस एंगल को भी देख रही है।आगरा जिले के छत्ता थाने से सब इंस्पेक्टर योगेश कुमार के साथ दोनों भाईयों ने अपने भाई की हत्या को लेकर बहुत कुछ स्पष्ट नही किया है ।