मथुरा । ओखला बैराज एवं ताजेवाला हेडवक्र्स से पानी छोड़ने के कारण मथुरा में यमुना खतरे के निशान को पार कर गई है। शनिवार की शाम प्रयाग घाट पर नदी खतरे के निशान से चार सेन्टीमीटर ऊपर बह रही थी। शनिवार की सुबह प्रयागघाट पर यमुना का जलस्तर 165.88 मीटर था जबकि शाम को यह बढ़कर 16.04 मीटर हो गया। अपर जिलाधिकारी योगानन्द पाण्डे के अनुसार शाम को ताजेवाला हेडवक्र्स से 43168 क्यूसेक एवं ओखला बैराज से 283434 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न तहसीलों में बाढ़ से आंशिक रूप से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों में भेज दिया गया है।
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एसडीएम माट प्रीति जैन ने बताया कि ताजेवाला हेडवक्र्स एवं ओखला बैराज से समय समय पर यमुना में पानी छोड़ने के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच2 को जोड़नेवाली अलीगढ़ छाता रोड पर नौहझील के पास पानी भर गया है तथा इस मार्ग को यातायात के लिए बन्द कर दिया गया है। छिनपारई एवं बसउ ग्राम समेत पांच गांवो में बाढ़ का पानी घुसने के कारण 200 से अधिक ग्रामीणेां को दूसरे गांवों में या उनके रिश्तेदारों के यहा रख दिया गया है। अभी तक कोई जन हानि या पशुहानि नही हुई है। उधर मथुरा तहसील के जयसिंहपुरा एवं पास की ग्रीन वैली कालोनी में बाढ का पानी हिलोरे मार रहा है जिसके कारण इन कालोनियों के निवासियों को फ्लड शेल्टर होम में रख दिया गया है जहां पर पहले से ही सभी आवश्यक सामग्री की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार वृन्दावन का पानीगांव क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित हो जाने के कारण वहां के निवासियों को भी सुरक्षित स्थानों में रख दिया गया है।