भविष्य में चीनी समाज और अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है बढ़ती उम्र की आबादी
बीजिंग। चीन ने प्रजनन दर में गिरावट और बुजुर्गों की बढ़ती आबादी के मद्देनजर देश में एक प्रमुख नीतिगत बदलाव करते हुए तीन बच्चों के मानक को मंजूरी दे दी है। यह संशोधन शुक्रवार को शीर्ष विधायिका द्वारा पारित किया गया और तुरंत प्रभावी भी हो गया।
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दैनिक चाइना डेली ने कहा कि एक कानून संशोधन जो चीन में दम्पतियों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति देता है। यह कदम 2020 में प्रजनन दर के बाद गिरकर प्रति महिला 1.3 फीसदी हो गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार चीन की बुजुर्ग आबादी 15 वर्षों में अमेरिका की कुल जनसंख्या को पार करने की राह पर है। चीन की बुजुर्ग आबादी के 2033 तक 40 करोड़ और 2053 तक 48.7 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
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दुनिया में सबसे बड़ी आबादी होने के अलावा, चीन सबसे तेजी से उम्र बढ़ने वाली आबादी वाला देश भी है। यह खासकर एक ओर दशकों से गिरती जन्म दर और दूसरी ओर तेजी से बढ़ती जीवन प्रत्याशा के कारण है। बढ़ती उम्र की आबादी भविष्य में चीनी समाज और अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है।
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चाइना डेली के अनुसार, कानून सरकारी एजेंसियों द्वारा दम्पतियों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सहायक उपायों का प्रावधान करता है, जैसे शिक्षा पर खर्च कम करना, नर्सरी देखभाल सेवाओं को बढ़ाना और महिलाओं के कार्यस्थल अधिकारों की रक्षा करना।
संशोधित कानून के अनुसार, चीन के उन परिवारों पर सामाजिक रखरखाव शुल्क वसूलने के पहले के फैसले को रद्द कर दिया जाएगा, जिनके निर्धारित से अधिक बच्चे हैं, साथ ही अन्य नियम जो नये तीसरे बच्चे के मानदंड के खिलाफ जाते हैं।
नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति द्वारा अपनाया गया संशोधित जनसंख्या और परिवार नियोजन कानून मंगलवार को पहली बार देश की शीर्ष विधायिका के लिए प्रस्तुत किया गया। बीजिंग ने 31 मई को एक निर्णय की घोषणा की थी जिसमें दंपतियों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति दी गई थी। नीति में बदलाव घटती प्रजनन दर की चुनौतियों का समाधान करता है।
नवीनतम राष्ट्रीय जनगणना के अनुसार, 60 वर्ष और उससे अधिक आयु वालों का अनुपात पिछले साल बढ़कर 18.7 प्रतिशत हो गया, जबकि 2020 में प्रजनन दर घटकर प्रति महिला 1.3 बच्चे रह गई।