नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आपातकाल के दौर में देश के लोकतंत्र को कुचलने और आम लोगों के अधिकारों को जिस निर्ममता से कुचलने का काम हुआ था उसे देश की आने वाली पीढ़ियां कभी भूला नहीं सकती। श्री मोदी ने रविवार को आकाशवाणी से प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि 1975 में जून महीने में ही देश में आपातकाल लगाकर लोगों की अधिकारों को छीन लिया गया था और लोकतंत्र के गले को घोटने का काम हुआ। देश की आने वाली पीढ़ी से कभी भूला नहीं सकती है।
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आपातकाल के दौरान लोगों के अधिकारों को छीना गया था और उन पर तरह-तरह के प्रतिबंध लगाए गए थे।”उन्होंने कहा कि उस दौर में संवैधानिक संस्थाओं को कुचल दिया गया था लेकिन लोगों ने संविधान को जिंदा रखा और लोकतांत्रिक को जिंदा रखने की लड़ाई लोकतांत्रिक तरीके से लड़ी और आपातकाल को हटाकर वापस लोकतंत्र स्थापित किया। लोगों ने तानाशाही और तानाशाही की मानसिकता को पराजित किया।
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उन्होंने कहा , “ ऐसा उदाहरण दुनिया में कहीं और नहीं मिलता है। देश आज आजादी के 75वें साल पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है इतिहास की सभी अहम पड़ाव से सीखते हुए हम सबको आगे बढ़ते रहना है।”