टेस्टिंग में बुजुर्गों को दी जायेगी प्राथमिकता
औरैया: देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं । इस बीच, महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उ.प्र. ने कोविड-19 परीक्षण को लेकर अपने दिशा-निर्देश में बदलाव किया है। इसके मुताबिक अब पहली बार ऑन डिमांड टेस्टिंग सुविधा भी मिल सकेगी। अब किसी भी स्वास्थ्य इमरजेंसी में कोरोना टेस्टिंग न होने पर भी लोगों को इलाज मिल सकेगा। हालांकि इसके लिए सैंपल देना होगा।
दिशा-निर्देशों के अनुसार अब बिना डॉक्टर के पर्चे के भी ऑन-डिमांड परीक्षण किया जा सकेगा. ऐसे व्यक्ति जो परीक्षण करवाना चाहते हैं या जो यात्रा कर रहे हैं या किसी रोग के उपचार हेतु किसी चिकित्सालय में भर्ती होने से पूर्व जांच कराना चाहते है वह ‘ऑन-डिमांड’ परीक्षण करवा सकते हैं।
कंटेनमेंट जोन में काम कर रहे सभी स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन पर काम कर रहे कोरोना वरियर्स को वरीयता मिलेगी। साथ ही कंटेनमेंट जोन के सभी संभावितों की भी टेस्टिंग होगी इसके लिए जरूरत के मुताबिक रैपिड एंटीजन या आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की जाएगी।
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मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना टेस्ट के लिए डॉक्टर के सलाह की जरूरत नहीं है। इसके लिए शासनादेश जारी कर दिया गया हैं। उन्होंने कहा जो किसी कोरोना संभावित या उपचाराधीन के संपर्क में आया हो वह सीधे टेस्टिंग करा सकता है। इसके अलावा जिनको लगता है कि उनके लक्षण कोरोना के हैं या जिसको किसी काम के लिए कोविड-19 नेगेटिव सर्टिफिकेट की जरूरत है वह भी आन डिमांड टेस्ट करा सकते हैं।
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इन बातों का रखें ध्यान
घायलावस्था या किसी भी इमरजेंसी में अस्पताल लाए गए व्यक्ति (प्रसव सहित) का इलाज कोरोना टेस्टिंग न होने की वजह से नहीं रुकेगा. हालांकि टेस्टिंग को उनका सैंपल लिया जाएगा. टेस्टिंग सुविधा न होने के चलते किसी भी गर्भवती का इलाज नहीं रोका जा सकेगा, न ही उसे रेफर किया जा सकेगा। हालांकि सैंपल लेकर टेस्टिंग के लिए जरूर भेजा जा सकता है. जो महिलाएं कोरोना पॉजिटिव हों, उन्हें सुझाव दिया जायेगा कि वह मास्क हमेशा पहनें और 14 दिनों तक थोड़ी- थोड़ी देर में हाथ धोती रहें उन्हें स्तनपान कराने से पहले स्तनों को अच्छे तरीके से साफ करना चाहिए। ताकि दूध पीते समय बच्चे में संक्रमण न फैले।