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संविदा लाइन मेन कर्मचारी की हाईटेंशन लाइन में बिजली आने से हुई मौत

संविदा लाइन मेन कर्मचारी की हाईटेंशन लाइन में बिजली आने से हुई मौत

औरैया | रुस्तम सिंह (45 वर्ष) पुत्र रामजीलाल, निवासी ग्राम नवादा महीपत शाह थाना अयाना कछपुरा विद्युत उपकेंद्र पर संविदा लाइन मेन कर्मचारी था। शुक्रवार को वह तिवर लालपुर फीडर के अंर्तगत असेवा गांव में हाईटेंशन लाइन में आए फाल्ट को ठीक करने गया था। केंद्र पर मौजूद कर्मी प्रशांत पोरवाल से शट डाउन लेकर संभालते समय अचानक लाइन में बिजली आने से लाइन में आए करेंट की चपेट में आकर रुस्तम सिंह बिजली पोल से नीचे दूर गिरकर घायल हो गया। आसपास मौजूद लोगों ने नीचे गिरे लाइन मेन को देखकर उसके परिजनों को सूचना दी।परिजन उसे लेकर सी एच सी अजीतमल आए। जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। मौके पर पहुंची पत्नी सुमित्रा देवी, पुत्र विकास , विपिन, पुत्रियां सोनी, मोहिनी, अनीता देवी का रो रोकर बुरा हाल था। रुस्तम सिंह को परिवार चलाने के लिए संविदा नौकरी हो थी। खेती नहीं है। शट डाउन खोलकर बरती गई लापरवाही से हुई घटना को लेकर अक्रोशित परिजनों ने सी एच सी में रखे शव को नहीं उठने दिया।

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परिजनों ने मौके पर एक्स ई एन को बुलाने की मांग कर रहे थे। किंतु अयाना उपकेंद्र के उपखंड अधिकारी ने एक्स ई एन के न आने और शव को पोस्टमार्टम हाउस ले जाने की बात कही तो परिजनों में आक्रोश पनप गया। अजीतमल उपखंड अधिकारी अजय कुमार ने किसी तरह परिजनों को शांत किया। करीब साढ़े तीन घंटे बाद सी एच सी अजीतमल पहुंचे एक्स ई एन लेखराज सिंह ने बताया कि एक संविदा कर्मी की हुई मौत को लेकर दुख है। सहायता के रूप में सात लाख पचास हजार रूपये दिए जाने का प्रावधान है। संबंधित विनायक इलेक्ट्रिकल्स सासनी हाथरस के ठेकेदार द्वारा त्वरित सहायता में पांच लाख रुपए मृतक के परिजनों के खाते में आर टी जी एस करवाए जा रहे है।

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दो लाख पचास हजार रुपए कागजी कार्यवाही पूरी होने तक खाते में डलवाए जायेंगे। वहीं विभाग की ओर से निर्धारित आर्थिक मदद भी दिलवाए जाने की कार्यवाही की जायेगी। साथ ही घटना में दोषी कौन है उसके खिलाफ भी विभाग की ओर से एफ आई आर दर्ज करवाई जायेगी। जांच के लिए उपखंड अधिकारी अयाना को जिम्मेदारी दी गई है। वहीं उन्होंने अर्थ चेन किट न होने की बात पर बताया कि एक्स ई एन लेखराज सिंह ने बताया कि हेलमेट, कैप, दस्ताने, जूते आदि अर्थ चेन किट दिए जाने और उन्हें पहनकर ही काम करने की इजाजत कर्मियों को दी जाती है। ये जांच का विषय है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

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