मुंबई। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन को शनिवार को तब और बल मिला जब कांग्रेस ने कोल्हापुर उत्तर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को 18,000 से अधिक मतों के अंतर से परास्त किया। इसके साथ ही कांग्रेस ने यह सीट बरकरार रखी है। निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस-एमवीए उम्मीदवार जयश्री जाधव को 96,176 वोट मिले, जबकि भाजपा के सत्यजीत कदम को 77,426 वोट मिले। अधिकारियों ने बताया कि जाधव 18,750 मतों के अंतर से विजयी हुईं।
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पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में इस विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव कांग्रेस विधायक चंद्रकांत जाधव के दिसंबर 2021 में कोविड-19 के कारण निधन के बाद कराना जरूरी हो गया था। कांग्रेस ने इस सीट से दिवंगत विधायक की पत्नी को मैदान में उतारा था। उपचुनाव 12 अप्रैल को हुआ था जिसमें 61.19 फीसदी मतदान हुआ था। परिणाम आने के बाद, शिवसेना और राकांपा के साथ राज्य में सत्ता साझा करने वाली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने संगीत की धुन पर नाचकर और एक-दूसरे को ‘गुलाल’ लगा जीत का जश्न मनाया। जाधव ने अपनी जीत के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मतदाताओं को धन्यवाद दिया और कहा कि एमवीए के सभी तीन घटकों ने जीत हासिल करने के लिए मिलकर काम किया।
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महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने पार्टी की जीत को प्रगतिशील विचारों की जीत करार दिया। महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि उनकी पार्टी मतदाताओं द्वारा दिए गए निर्णय को स्वीकार करती है। वहीं कांग्रेस नेता एवं राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा, कोल्हापुर उत्तर सीट के मतदाताओं ने धार्मिक ध्रुवीकरण पैदा करने के प्रयासों को खारिज कर दिया है। कोल्हापुर ने हमेशा समानता के सिद्धांत का पालन किया है। मुंबई में दादर इलाके में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय तिलक भवन में पटाखे फोड़े।
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नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए पटोले ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, गरीबी और छोटे किसानों और व्यापारियों की समस्याओं पर केंद्र की विफलता को धार्मिक नफरत पैदा करके छिपाने के प्रयास जारी थे। जीत ने शाहू महाराज के जन्मस्थान से एक संदेश दिया।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा को सभी उपचुनावों में हार का सामना करना पड़ रहा है, चाहे वह बिहार में हो, छत्तीसगढ़ या पश्चिम बंगाल में हो। कोल्हापुर उत्तर सीट के लिए 15 उम्मीदवार मैदान में थे, हालांकि मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच था। चुनाव प्रचार के दौरान, एमवीए के साथ-साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने कोल्हापुर आए थे।