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इटावा में जमुनापारी बकरियों की घटती संख्या से चिंतित प्रशासन ने शुरू की योजनाएं

सदर विधायिका ने किया कम्‍प्‍यूटरी एनहैंसटेड गोअट रेयरिंग लाइवलीहुड परियोजना का शुभारंभ

इटावा: यूपी के इटावा जिले की खास पहचान जमुनापारी बकरी की घटती संख्या से चिंतित प्रशासन ने अब इस विशिष्ट बकरी के संरक्षण और इसकी प्रजाति को बढ़ाने के लिए जरूरी प्रयास शुरू कर दिए हैं। पार पट्टी क्षेत्र के कई गांवों का चयन कर वहां जमुनापारी बकरी संरक्षण केंद्र बनाए जा रहे हैं। ऐसे ही एक जमुनापारी बकरी संरक्षण केंद्र का बुधवार को बढ़पुरा उदी क्षेत्र में शुभारंभ हुआ। यमुना पट्टी में जमुना पारी बकरी के निरंतर घटती संख्या को देखकर जिला प्रशासन ने इस नस्ल को सुरक्षित करने के लिए 1980 में इस बकरी को परिवहन कर कहीं भी ले जाने पर रोक लगा दी थी।आज पारपट्टी क्षेत्र में इस नस्ल की संख्या मात्र उंगलियों पर गिनने लायक रह गयी है।

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इसी को देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देशन में बढ़पुरा पारपट्टी के ग्राम गाती में जमुनापारी बकरी के अनुवांशिक सुधार के लिए कम्‍प्‍यूटरी एनहैंसटेड गोअट रेयरिंग लाइवलीहुड परियोजना का शुभारंभ सदर विधायक सरिता भदौरिया ने मुख्य विकास अधिकारी राजा गणपति आर तथा भाजपा जिला अध्यक्ष अजय धाकरे की मौजूदगी में किया। इस सामुदायिक बकरी शेड को 150 से 200 बकरियों की क्षमता के साथ मनरेगा से वित्तपोषण के द्वारा बनाया गया। मुख्य विकास अधिकारी राजा गणपति आर ने बताया कि यह सामुदायिक बकरी शेड चकरनगर और बढ़पुरा में बनाया गया है जो कि जमुनापारी बेल्ट है।

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यह परियोजना एनआरएलएम के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा संचालित की जाएगी। यह सामुदायिक शेड सिंडोस, घाटी,मिहौली में बनाए जा रहे हैं। इन परियोजनाओं के अंतर्गत उन लोगों की आर्थिक गतिविधियों में सुधार होगा जो जमुनापारी बकरी पालन में शामिल हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में क्षेत्रीय लोग, जनप्रतिनिधि, प्रधान आदि मौजूद रहे।

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