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भूगर्भ जल के गलत ढंग से व्यवसायिक दोहन पर लगेगा जुर्माना – जिलाधिकारी

भूगर्भ जल के गलत ढंग से व्यवसायिक दोहन पर लगेगा जुर्माना - जिलाधिकारी
भूगर्भ जल के गलत ढंग से व्यवसायिक दोहन पर लगेगा जुर्माना – जिलाधिकारी

औरैया – बुधवार को जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा की अध्यक्षता में जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद की बैठक कलेक्ट्रेट में आहूत की गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक उपयोग के लिए भूगर्भ जल निकालने को कूप खोदने के लिए अब अनुमति लेनी होगी और जो कूप खोदे जा चुके हैं। उनको भी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना होगा।इसके तहत भूगर्भ जल का दोहन रोकने और वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य सुनिश्चित कराने के लिए जिला स्तर, नगर निकाय और विकासखंड स्तर व ग्राम पंचायत स्तर पर भूगर्भ जल समितियां कार्य करेंगी।

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उन्होंने कहा कि कृषि व घरेलू भूगर्भ उपभोक्ता के रजिस्ट्रीकरण के आवेदन प्रस्तुत करने के लिए कोई फीस नहीं होगी। लेकिन वाणिज्यिक, औद्योगिक या सामूहिक भूगर्भ जल उपभोक्ताओं को कूपों का पंजीकरण व अनापत्ति के लिए अलग-अलग प्रस्तावित शुल्क पांच हजार रुपये देना होगा।जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि यदि भूजल दोहन की अनापत्ति लिए बिना ही कई भूजल उपभोक्ताओं से अनाधिकृत रूप से ड्रिंकिंग वाटर आरओ प्लांट एवं भूगर्भ जल का टैंकरों में भरकर व्यवसाय किया जा रहा है तो एसी फर्मों को नोटिस जारी किये जाये। जल के अवैध व्यवसाय एवं भूगर्भ जल के प्रदूषण को रोकने के लिए प्राविधान हैं।

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उन्होने कहा कि नियमों के तहत भूगर्भ जल दूषित करने और भूगर्भ जल का व्यवसाय के लिए अनाधिकृत रूप से दोहन करने का दोषी पाए गए व्यक्ति/समूह/संस्था को 2 से 5 लाख का जुर्माना अथवा 6 माह से 1 वर्ष तक का कारावास अथवा दोनों दंड निर्धारित किए गए हैं। बैठक में सभी संबंधित अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।

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