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हीरक जयंती के अवसर पर सीएम योगी आदिनाथ पहुंचे सैनिक स्कूल…

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लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ हीरक जयंत्री के अवसर पर सैनिक स्कूल पहुंचे। उन्होंने संबोधित करते हुए कहा मैं जानता हूं कि आज हीरक जयंती के इस कार्यक्रम में स्कूल से जुड़े सभी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में जितना भव्य कार्यक्रम हो सकता था, उतना भव्य कार्यक्रम नहीं हो पा रहा है। कोरोना महामारी की वजह से इस कार्यक्रम को भब्य तरीके से नहीं आयोजित किया जा सका। लेकिन 2021 में हम कोशिश करेंगे इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति जी को आमंत्रित किया जाए।

सीएम ने कहा बालक और बालिकाओं में हम भेद नहीं करेंगे, बल्कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उनके योगदान से सुरक्षा, समृद्धि व लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेंगे। यह भाव भी हम सबको आज दिखाई दे रहा है। साथ ही हमारे लिए यह भी महत्वपूर्ण था कि देश के इस पहले सैनिक स्कूल में हम बालिकाओं के प्रवेश की भी व्यवस्था करें। मुझे प्रसन्नता है कि आज यहां पर बालिकाओं के प्रवेश का तृतीय सत्र चल रहा है। जब मेरी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में सत्ता संभालने का सौभाग्य मुझे दिया, तब से देश के इस पहले सैनिक स्कूल के बारे में कुछ करने का भाव मेरे मन में था। हम लोगों ने इसकी क्षमता के विस्तार की कार्रवाई को आगे बढ़ाया है।

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सीएम ने कहा हमारा प्रयास हो कि हम 2021 में हीरक जयंती के समापन कार्यक्रम में आदरणीय राष्ट्रपति जी को आमंत्रित करें। देश की रक्षा सेनाओं में अनेक पदों को सुशोभित करने वाले हमारे सैनिक अधिकारीगण भी यहां पर उपस्थित हैं। इनकी उपस्थिति इस हीरक जयंती कार्यक्रम को और भी गौरवान्वित करती है। इस सैनिक स्कूल ने देश को अनेक विभूतियां दी हैं। देश की रक्षा के बहुत बड़े अभियान का हिस्सा यह सैनिक स्कूल रहा है।

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मेरा मानना है कि सैनिक स्कूल उसका बहुत सशक्त माध्यम हो सकता है। इसलिए हमें सैनिक स्कूल की श्रंखला को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाना चाहिए। किसी भी देश के भविष्य को हम कहां ले जाना चाहते हैं अगर यह तय करना है तो उस देश के युवाओं की भावनाओं को देखकर हम अंदाजा लगा सकते हैं। युवाओं के जीवन में अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से इस सैनिक स्कूल से जुड़े सभी छात्र-छात्राएं किसी न किसी रूप में हमारे साथ आज यहां जुड़े हैं। पूरे वर्ष कौन-कौन से कार्यक्रम होंगे, इसकी रूपरेखा भी प्रस्तुत की गई है।

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बता दें हीरक जयंती के इस कार्यक्रम को कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूर्णतः पालन करते हुए आयोजित किया गया है। इस अवसर पर मैं एक बार पुनः आप सबको बधाई व अपनी शुभकामनाएं देता हूं। 60 वर्ष के इस कालखंड के मूल्यांकन का भी अवसर हमें यह हीरक जयंती का अवसर उपलब्ध करवा रहा है। हमने क्या पाया है? और क्या खोया है? कैसे हम और बेहतर कर सकते हैं। मैं चाहूंगा कि यहां से निकले हुए पूर्व और वर्तमान सैनिक, प्रशासनिक व्यवस्था से जुड़े हुए अधिकारीगण व समाजसेवी, सभी आत्मिक भाव के साथ इस सैनिक स्कूल से जुड़ें।

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