देहरादून । उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास चल रहे भारत-अमेरिकी सैन्य अभ्यास पर चीन ने आपत्ति जताई है। भारत-US के संयुक्त सैन्य अभ्यास को चीन ने ‘सीमा समझौतों की भावना का उल्लंघन’ बताया है। जबकि, इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य शांति स्थापना और आपदा राहत कार्यों में दोनों सेनाओं के बीच अपनी विशेषज्ञता को साझा करना है। बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक सवाल के जवाब में कहा, वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भारत और अमेरिका द्वारा आयोजित संयुक्त सैन्य अभ्यास ने 1993 और 1996 में चीन और भारत के बीच हुए समझौतों की भावना का उल्लंघन किया और द्विपक्षीय विश्वास बनाने में मदद नहीं की। चीन ने सैन्य अभ्यास पर भारतीय पक्ष से चिंता व्यक्त की है।
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यह पहली बार है जब अमेरिका और भारत LAC के इतने करीब युद्धाभ्यास कर रहे हैं। वहीं दिलचस्प है कि चीन जिन सीमा समझौतों का हवाला देते हुए भारत-अमेरिकी सैन्य अभ्यास पर आपत्ति जाता रहा है, उन्ही समझौतों का जिक्र भारत ने भी किया था, जब 2020 में पूर्वी लद्दाख में सीमा के पास चीन ने अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाई थी। तब भारत ने इसे द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन बताया था। आपको बता दें किउ त्तराखंड में एलएसी से लगभग 100 किमी दूर भारत-अमेरिका का 19वां संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास चल रहा है। ये युद्ध अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं की ट्रेनिंग है। साल 2004 से प्रत्येक वर्ष आयोजित हो रहे युद्ध अभ्यास का उद्देश्य “भारत-प्रशांत क्षेत्र में पारंपरिक, जटिल और भविष्य की चुनौतियों” के लिए भागीदार क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय और अमेरिकी सेनाओं की अंतर-क्षमता में सुधार करना है।