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बाल स्वास्थ्य पोषण माह शुरू, 16 जनवरी तक पिलाई जाएगी पोषण की खुराक

जिले के 5.78 लाख बच्चों को विटामिन ए पिलाने का लक्ष्य
सोमवार, बुधवार, शनिवार को दिया जाएगा लाभ
कोविड-19 संक्रमण से बचाव एवं नियमों का रखा जाएगा ध्यान

कानपुर: बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और रतौंधी सहित आंखों की अन्य बीमारियों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से मिलकर विटामिन ‘ए’ की खुराक पिलाने के लिए जनपद में बाल स्वास्थ्य पोषण माह के दूसरे चरण का आयोजन सोमवार से शुरू हुआ जोकि 16 जनवरी तक चलेगा । ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी व यूएचएसएनडी) सत्रों के जरिये 9 माह से 5 वर्ष तक के 5 लाख 78 हज़ार 651 बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलायी जायेगी। यह अभियान बुधवार एवं शनिवार को आयोजित होने वाले ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस सत्रों के अतिरिक्त सोमवार को भी विटामिन-ए का आच्छादन किया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि अभियान के दौरान पूर्ण टीकाकरण (24 माह तक), सम्पूर्ण टीकाकरण, वजन लेना और अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करना, सभी बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाना, एक घंटे के अंदर और छह माह तक सिर्फ स्तनपान को लेकर जन जागरूकता, आयोडीन युक्त की नमक के सेवन के प्रति जागरूक करने पर ज़ोर दिया जाएगा।

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कोरोना से बचाव एवं नियमों का रखा जाए ध्यान

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एके कन्नौजिया ने बताया कि 09 माह से 12 माह तक 33799 बच्चों , 1 से 2 वर्ष तक 1,45,330 बच्चों और 2 से 5 वर्ष तक 3,99,522 बच्चों को पोषण की खुराक पिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। कोविड-19 संक्रमण से बचाव एवं नियमों को ध्यान में रखते हुये अभियान के तहत सभी गतिविधियों का आयोजन किया जाए। इसको देखते हुये अभियान में वीएचएसएनडी व यूएचएसएनडी सत्रों के दौरान बच्चों को अलग-अलग चम्मचों से विटामिन ए खुराक पिलायी जाएगी । कोविड-19 संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के नियमों का आवश्यक रूप से पालन कराया जाएगा। सत्रों में दो गज दूरी, मास्क, सेनिटाइज़र का समय-समय पर प्रयोग और स्वच्छता पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा ।

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उन्होने बताया कि माह भर चलने वाले इस विशेष अभियान में बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाने के साथ ही उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक टीके भी लगाए जायेंगे। अभियान के दौरान नये कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया जायेगा। विटामिन ‘ए’ की कमी से बच्चों में नजर का कमजोर होना, रात्रि के समय कम दिखाई देना, अंधेपन का शिकार हो जाना, रूखी आँख, रूखी त्वचा और त्वचा से संबन्धित समस्या हो सकती है। इसकी कमी से बचपन में होने वाली दस्त जैसी आम बीमारियाँ भी जानलेवा हो सकती हैं। इन सभी कमियों को पूरा करने के लिए बच्चों को विटामिन ए की खुराक देना बेहद आवश्यक है।

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