- वन विभाग के जाल में कैद नहीं हो पा रहा चीता
- सैकड़ों एकड़ क्षेत्र में खड़ी गन्ना की फसल चीता के लिए बनी सुरक्षित ठिकाना
फर्रुखाबाद। यूपी के फर्रुखाबाद जिले में बीते 20 दिनों से चीता की दहशत से यूपी के वन अधिकारी हरकत में आ गए हैं| बीती रात दो कैमरों में इलाके में चीता की चहलकदमी कैद हो गई।अधिकारी अब पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गए हैं। ग्रामीण अपने खेतों पर अपने असलह लेकर जा रहे हैं, वहीं बच्चों को घर से नहीं निकलने दे रहे हैं। ग्रामीण महिलाएं भी सतर्क हैं और जानवरों की निगरानी दिन रात कर रही हैं।चीता ने अभी तक तक़रीबन एक दर्जन से अधिक जंगली जानवर ,सुअर गाय और कई जानवरों का शिकार कर चुका है।
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थाना राजेपुर क्षेत्र के ग्राम उदयपुर की कटरी में चीता की दहशत लगातार बढ़ती जा रही है। लगभग 20 दिन होने को हैं, लेकिन वन विभाग अभी तक चीता के चित्र तक ही सीमित है। बीते 3 और 4 दिसंबर की रात को एक कैमरे में चीता कैद हुआ था। लेकिन चित्र में चेहरा साफ नही आ रहा था। बीती रात 12:43 बजे दो कैमरों ने चीता की तस्वीर खींच ली| बीते दिन प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव यूपी सुनील पाण्डेय ने बीते दिन उदयपुर पहुंच कर क्षेत्र का भ्रमण किया था। जिसके बाद उन्होंने आवश्यक दिशा निर्देश दिए। पीलीभीत टाइगर रिजर्व व दुधवा नेशनल पार्क लखीमपुर खीरी से विशेषज्ञों की टीम ने डेरा डाल दिया है। वन विभाग के अधिकारी स्थानीय किसानों का गन्ना जल्द काटने का प्रयास करने की बात कह रहे हैं । जिस जगह पर चीता की मौजूदगी है उस जगह हजारों बीघा में गन्ना खड़ा है।
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जिसमे टाइगर को पकड़ना काफी मुश्किल है। लिहाजा वन विभाग के अधिकारी डीएम से संपर्क कर गन्ना किसानों की पर्ची जल्द उपलब्ध कराकर गन्ना कटाने का प्रयास कर रहे हैं।वन विभाग के विशेषज्ञों नें गन्ने के खेत में चार जाल बिछाए हैं, जिसमें चीता को फंसाने का प्रयास किया जा रहा है।वहीं लोहे का जाल भी लगाया गया है। विशेषज्ञों के निर्देश पर वन विभाग के अधिकारियों नें स्थानीय ग्रामीणों को मुखौटा वितरित किए हैं।ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि वह खेतों की तरफ वर्तन बजाकर जाएं| इसके साथ ही मुखौटा सिर के पीछे लगाएं, जिससे चीता हमला ना कर सके।