नैनीताल। उत्तराखंड के कुमाऊं में बारिश आफत बनकर टूटी है। सीमांत पिथौरागढ़ एवं चंपावत को जोड़ने वाला चंपावत-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग छह दिन बाद भी यातायात के लिये नहीं खुल पाया है। सुरक्षा के लिहाज से अब यहां ड्रोन कैमरे से नजर रखी जा रही है।
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चंपावत-टनकपुर राजमार्ग भूस्खलन के कारण छह दिन पहले यातायात के लिये बंद हो गया था। स्वाला के पास यहां एक पहाड़ी दरकने से भारी मलबा आ गया था। सड़क का लगभग 150 मीटर हिस्सा भारी मलबा आने से बाधित हो गया है। राजमार्ग खोलने के लिये यहां आधुनिक जेसीबी एवं पोकलैंड मशीनों की मदद ली जा रही है लेकिन पहाड़ी से पत्थर और मलबा आने का सिलसिला लगातार जारी है जिससे छह दिन बाद भी लोगों को राहत नहीं मिल पायी है। लोगों को लोहाघाट-देवीधुरा से लंबी दूरी तय कर अपने गतंव्य को जाना पड़ रहा है।
चंपावत के अपर जिलाधिकारी शिवचरण द्विवेदी ने शनिवार को हालात का जायजा लिया और राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को अविलंब राजमार्ग खोलने के निर्देश दिये। अधिशासी अभियंता एलडी मथेला ने बताया कि दोनों ओर से मलबा हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है लेकिन पहाड़ी से पत्थर और बोल्डर गिरने से खतरा बना हुआ है। उन्होंने बताया कि अब ड्रोन की निगहबानी में मलबा हटाया जा रहा है। ड्रोन से पहाड़ी पर नजर रखी जा रही है।