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चक दे इंडिया : मोदी ने चानू से बात कर पदक जीतने पर बधाई दी,राष्ट्रपति ,उपराष्ट्रपति ने भी दी बधाई

चक दे इंडिया : मोदी ने चानू से बात कर पदक जीतने पर बधाई दी
चक दे इंडिया : मोदी ने चानू से बात कर पदक जीतने पर बधाई दी

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओलंपिक खेलों में देश को पहला रजत पदक दिलाने वाली भारोत्तोलक मीराबाई चानू से बात कर उन्हें बधाई दी है।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और मुख्यमंत्रियों ने भी टोक्यो ओलम्पिक में भारत के लिए पदक का खाता खोलने वाली भारोत्तोलक मीराबाई चानू को बधाई दी है।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। ट्वीट में कहा गया है, “प्रधानमंत्री ने शानदार प्रदर्शन करने वाली मीराबाई चानू से बात की और उन्हें टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने के लिए बधाई दी। उन्होंने मीराबाई चानू को अगली स्पर्धाओं में भी भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए शुभकामनाएं दी।”
इससे पहले श्री मोदी ने ट्वीट कर चानू को बधाई देते हुए कहा था, “टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए एक सुखद शुरुआत के लिए नहीं कहा जा सकता था। भारत मीराबाई चानू के शानदार प्रदर्शन से उत्साहित है। भारोत्तोलन में रजत पदक जीतने के लिए उन्हें बधाई। उनकी सफलता हर भारतीय को प्रेरित करती है। भारत की जय जयकार।”

ओलम्पिक के इतिहास में पहली बार पहले दिन पदक जीता

पूर्व विश्व चैंपियन भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए महिलाओं के 49 किग्रा वर्ग में शनिवार को रजत पदक जीतकर भारत को टोक्यो ओलम्पिक का पहला पदक दिला दिया। भारत ने इन खेलों के इतिहास में पहली बार पहले दिन कोई पदक जीता। 26 वर्षीय मीराबाई ने कुल 202 किग्रा (87+115) वजन उठाया और ओलंपिक्स में रजत जीतने वाली पहली भारतीय महिला भारोत्तोलक बन गयी।

मेरे मैडल जीतने के बाद लड़कियों की सोच में बदलाव आएगा : मीराबाई

टोक्यो ओलम्पिक में रजत पदक जीत कर इतिहास बनाने वाली महिला भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने टोक्यो से नयी दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उनके इस पदक के बाद देश की लड़कियों के सोच में बदलाव आएगा और ज्यादा से ज्यादा लडकियां खेलों में सामने आएंगी। मीराबाई ने कहा ,’मैं कम लड़कियों को मैदान में उतरते देखती हूँ लेकिन मेरे इस पदक के बाद उनकी सोच बदलेगी और वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में खेलों में उतरेंगी। ‘
पिछले पांच वर्षों में वह सिर्फ पांच दिन के लिए अपने घर गईं मीरा

रजत जीतने के बाद मीराबाई ने कहा कि पिछले रियो ओलम्पिक में उन्होंने जो गलतियां की थीं उससे उन्होंने सबक लेकर पिछले पांच वर्षों में सुधार किया जिसका अच्छा परिणाम सामने आया है। मीरा के साथ उनके कोच विजय भी बैठे हुए थे और उन्होंने कहा कि वह 2014 से मीरा के साथ टीम के रूप में जुड़े थे और रियो में उनसे उम्मीद थी लेकिन उन्होंने रियो की नाकामी के बाद उन्होंने मीरा के साथ कड़ी मेहनत कीऔर पिछली गलतियों को दूर करने पर काम किया। मीरा के गले में इस दौरान उनका रजत पदक टंगा हुआ था। उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में वह सिर्फ पांच दिन के लिए अपने घर गयी थीं और इस दौरान उन्होंने अपना सारा ध्यान सिर्फ अपनी ट्रेनिंग पर लगा रखा था।

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