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तुलसी जयंती पर हुई गोष्टी

तुलसी जयंती पर हुई गोष्टी

तुलसी जयंती पर हुई गोष्टी

दिबियापुर। आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित गोस्वामी तुलसीदास जयंती समारोह में कैकेयी व मंथरा को रामायण का आदर्श पात्र जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में बताया। नारायणी मंडपम में आयोजित हुए गोस्वामी तुलसीदास जयंती समारोह का शुभारंभ जिलाधिकारी ने दीप प्रज्वलित कर व तुलसीदास के चित्र पर मालयार्पण कर किया। जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में तुलसीदास का जीवन परिचय का वर्णन किया और कैकेयी व मंथरा को रामायण का आदर्श पात्र बताया। तुलसी के साहित्य को समाज के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि तुलसी का साहित्य समाज की प्रगति के लिए है।

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समारोह में तमिल के तुलसी कहे जाने वाले हिंदी और तमिल के प्रख्यात साहित्यकार डॉ एम गोविंदराजन ने तमिल कवि कंबन की रामायण के प्रसंग उद्धृत करते हुए तुलसी की रामचरितमानस को समन्वय वादी रचना बताते हुए कहा कि अवधी भाषा के द्वारा तुलसीदास ने राम कथा को संस्कृत से जनमानस की भाषा हिंदी में अवतरित करके सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विशिष्ट अतिथि श्री श्री 1008 महंत रामभजन दास पिलुआ मंदिर इटावा व समारोह की अध्यक्षता कर रहे पूर्व प्राचार्य डाक्टर डी पी सिंह ने भी तुलसीदास के बारे में बताया। इससे पूर्व मानस प्रेमियों ने मुख्य अतिथियों का मालार्पण , शालार्पन,स्मृतिचिह्न,पट्टिका व गीता रामायण देकर सम्मानित किया ।

इस अवसर पर राजेश अग्निहोत्री,राघव मिश्रा,महेश पांडेय ,चंद्रकांती मिश्रा, रीता चंदेरिया ,पंकज तिवारी,गिरीश तिवारी,मोहन कृष्ण त्रिवेदी ,डाक्टर रामचन्द्र दीक्षित,डाक्टर अरविंद शुक्ला, अनिल दीक्षित,आशीष दुबे ,प्रहलाद ओमर,कृष्ण कुमार सोनू ,कुलदीप दुबे,राजेश पांडेय आदि लोग उपस्थित रहे । संचालन मनोज दुबे ने किया। उधर विवेकानंद ग्रामोद्योग महाविद्यालय दिबियापुर के बी एड विभाग में तुलसी जयंती समारोह का आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य वक्ता तमिल के तुलसी कहे जाने वाले हिंदी और तमिल के प्रख्यात साहित्यकार डॉ एम गोविंदराजन ने तमिल कवि कंबन की रामायण के प्रसंग उद्धृत करते हुए तुलसी की रामचरितमानस को समन्वय वादी रचना बताते हुए कहा कि अवधी भाषा के द्वारा तुलसीदास ने राम कथा को संस्कृत से जनमानस की भाषा हिंदी में अवतरित करके सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

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अध्यक्षीय उद्बोधन में उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कृषि राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत ने कहा कि तुलसी की रामचरितमानस और भगवान राम का जीवन हमें धैर्य की शिक्षा देता है और प्रत्येक स्थिति को समभाव से स्वीकार करने का साहस प्रदान करता है। उन्होंने तुलसी की शिक्षाओं को अपने जीवन में आत्मसात करने पर बल दिया । महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ इकरार अहमद ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि महाविद्यालय की परंपरा के अनुसार तुलसी जयंती समारोह से ही शिक्षण कार्य विधिवत आरंभ होता है । अतः आज से ही शिक्षण कार्य विधिवत आरंभ हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर राकेश तिवारी ने किया ।इस अवसर पर डॉ शोभारानी गुप्ता, डॉ महेंद्र तिवारी ,डॉ यश कुमार, डॉ मोहित तिवारी , प्रो श्रीनंदन पांडे, डॉ गजेंद्र यादव ,डॉक्टर विनीत त्रिपाठी , डॉ अनुज मिश्रा डॉ संदीप ओमर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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