लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त रखने में सीसीटीवी कैमरे पुलिस के लिये खासे मददगार साबित हुये हैं।
वर्ष 2017 से पहले आपराधिक घटनाओं का खुलासा करने के लिए पुलिस पारंपरिक रूप से मुखबिरों पर ही निर्भर रहा करती थी। इससे पुलिस को घटनाओं का पर्दाफाश करने में काफी परेशानी होती थी। इसके लिए योगी सरकार ने यूपी पुलिस को सीसीटीवी से कनेक्ट करने पर जोर दिया। योगी सरकार की इस पहल के बाद यूपी पुलिस ने स्मार्ट पुलिसिंग के तहत प्रदेश के तीन लाख 21 हजार 635 स्थानों पर सात लाख 22 हजार 161 सीसीटीवी लगवाए। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि शहरों को सुविधायुक्त बनाने के साथ ही सुरक्षा के स्मार्ट प्रबंध भी सरकार की प्राथमिकता में हैं। प्रदेश के शहरों को सुरक्षित बनाने के लिए जहां एक तरफ इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर (आईसीसीसी) के माध्यम से बहुस्तरीय निगरानी की जा रही है, वहीं अपराध पर लगाम लगाने के लिए यूपी पुलिस को स्मार्ट पुलिसिंग से जोड़ा गया।
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पुलिस के माध्यम से सीसीटीवी लगाने के साथ इनकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके अलावा प्रदेश के थानों को भी सीसीटीवी से जोड़ा गया ताकि प्रदेश की जनता को पारदर्शी न्याय मिल सके। उन्होने बताया कि पुलिस ने सीसीटीवी से खुद को कनेक्ट किया तो जघन्य अपराधों के खुलासे और अपरधियों की धरपकड़ में सीसीटीवी सारथी बन गये। यूपी पुलिस ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत गोरखुपर जोन से इसकी शुरुआत की। यहां पर विभिन्न स्थानों पर जनसहयोग से पुलिस ने 46 हजार 478 सीसीटीवी लगाए। इसके जरिये गाेरखुपर जोन से करीब सौ घटनाओं का खुलासा सीसीटीवी के जरिये हुआ। इनमें 16 डकैती/लूट, पांच हत्या, चार अपहरण/फिरौती के लिए अपहरण, तीन बलात्कार/छेड़खानी, 34 चोरी/नकबजनी समेत 37 अन्य मामले शामिल हैं।
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इसके बाद यूपी पुलिस ने अभियान चलाकर मात्र पांच माह में प्रदेशभर में 2,48,116 स्थानों पर 6,28,283 सीसीटीवी लगाए गए। अभियान के दौरान प्रदेश के सात कमिश्नरेट के 79,135 स्थानों पर 1,83,561 सीसीटीवी लगाए गए। इनमें सबसे ज्यादा प्रयागराज कमिश्नरेट के 29,188 स्थानों पर 56,920 सीसीटीवी लगाए गए, जबकि दूसरे नंबर पर गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट के 11,523 स्थानों पर 31,244 सीसीटीवी लगाए गए। वहीं तीसरे नंबर पर कानपुर नगर कमिश्नरेट के 11,275 स्थानों पर 30746 सीसीटीवी लगाए गए। इसी तरह प्रदेश के आठ जोन के 1,68,981 स्थानों पर 4,44,722 सीसीटीवी लगाए गए।
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इन सीसीटीवी के जरिये यूपी पुलिस ने स्मार्ट पुलिसिंग को अपनाते हुए प्रदेश में जघन्य अपराधाें के साथ अन्य 1355 मामलों का खुलासा किया है। इनमें 209 डकैती/लूट, 82 हत्या, 46 अपहरण/फिरौती के लिए अपहरण, 32 बलात्कार/छेड़खानी, 574 चोरी/नकबजनी समेत 412 अन्य मामले शामिल हैं। इनमें गाजियाबाद कमिश्नरेट ने सबसे अधिक डकैती/लूट की 15, गौतमबुद्धनगर ने हत्या के 4 और चोरी/नकबजनी के 39 मामलों को खुलासा किया। इसी तरह आगरा जोन ने सबसे अधिक डकैती/लूट की 50, मेरठ ने हत्या के 18, आगरा ने अपहरण/फिरौती के 18, वाराणसी ने बलात्कार/छेड़खानी के 12, चोरी/नकबजनी के 179 और 70 अन्य मामलों को खुलासा किया।