इटावा : उत्तरप्रदेश के इटावा जनपद में फर्जी दस्तावेज लगाकर शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले अध्यापकों के खिलाफ मुकदमें दर्ज होने की कार्यवाही युद्ध स्तर पर चल रही है। एसटीएफ की जांच से शिक्षा विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है। जनपद में अभी तक 15 अध्यापकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है।
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बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि जनपद में चल रही जांच में अभी तक 15 अध्यापकों के मूल अभिलेखों में गड़बड़ी पाई गई है। जांच में दोषी पाए गए सभी अध्यापकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाये जा चुके हैं। सभी अध्यापकों से रिकवरी करवाने के लिए डाटा तैयार किया जा रहा है।
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उन्होंने बताया कि एसआईटी की जांच के आधार पर न्यायालय द्वारा प्रदेश में 2823 फर्जी घोषित किये गए थे, जिनमें 06 अध्यापक जनपद के शामिल थे, जिसके बाद से सभी अध्यापकों के दस्तावेजों की जांच एसटीएफ के द्वारा की जा रही है।
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एसटीएफ के द्वारा जिलास्तरीय जांच में अध्यापकों को दो श्रेणी में रखकर जांच की जा रही है। पहली श्रेणी फर्जी और दूसरी श्रेणी टेम्पर्ड जिसके आधार पर सभी के मूल अभिलेखों की जांच की जा रही है।
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इस जांच में अभी तक 09 अध्यापक और दोषी पाए गए है जिन्हें मिलाकर जनपद में फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले अध्यापकों की संख्या 15 हो गयी है। सभी अध्यापकों के खिलाफ शिक्षा विभाग के द्वारा मुकदमे दर्ज करवाये जा चुके है। इन सभी अध्यापकों के रिकवरी करने के लिए डाटा तैयार किया जा रहा है।
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उन्होंने बताया कि जनपद में कुल अध्यापको की संख्या 4557 शिक्षामित्रों की संख्या 1244 और अनुदेशको की संख्या 117 है। सभी के दस्तावेजों की जांच की जा रही है और कार्यवाही भी की जा रही है।