तेजस ख़बर

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से क्षय रोगी को खोजने का अभियान शुरू

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से क्षय रोगी को खोजने का अभियान शुरू

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से क्षय रोगी को खोजने का अभियान शुरू

औरैया । राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अब जनपद के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को टीबी के विरुद्ध शुरू हुए अभियान में शामिल किया गया है। सीएचओ अब गांव स्तर पर ऐसे मरीजों को चिन्हित करेंगे , जिनमें टीबी के शुरुआती लक्षण हैं ताकि ऐसे मरीजों को समय से उपचारित किया जा सके। इसी क्रम में 23 अगस्त से 30 सितंबर तक राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत क्षय रोगियों को चिन्हित करने के लिए विशेष अभियान शुरू हुआ है। इस दौरान जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की टीम के जरिए टीबी रोगी खोजे जाएंगे।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डाॅ. अशोक कुमार राय ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2022 में जिले में 2700 टीबी के संभावित मरीजों को चिन्हित करने का लक्ष्य तय है। इसमें से 26 जुलाई तक लगभग 70 प्रतिशत मरीज चिन्हित हो चुके हैं। शेष को चिन्हित करने के लिए जिले समस्त हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के जरिए संभावित क्षय रोगियों के बलगम की जांच लक्षित है।

यह भी देखें: विहिप स्थापना दिवस पर हिंदुत्व को विश्व शक्ति बनाने का संकल्प लिया

डीटीओ ने यह भी बताया कि इन सेंटर्स पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) क्षय रोगियों के चिन्हीकरण, जांच, इलाज, निक्षय पोषण योजना के तहत लाभ दिलाने में सहयोग देंगे। क्षय रोग के संभावित लक्षण वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके बलगम के नमूने एकत्रित करेंगी। इसके बाद सीएचओ संकलित नमूने को नजदीकी जांच केंद्र में भेजेंगे। जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीज का निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण कर इलाज शुरू किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि जो क्षेत्र हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर के कार्यक्षेत्र से बाहर हैं उक्त क्षेत्र में क्षय रोगियों के घर पर आशा कार्यकर्ता द्वारा भ्रमण कर उन्हें नियमित दवाओं का सेवन करने, छह माह तक लगातार इलाज करने एवं दवा के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में परामर्श देंगी। सीएचओ की ओर से अपने क्षेत्र में तीन उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों का चयन किया जाएगा जहां सभी गतिविधियां प्राथमिकता के आधार पर की जाएंगी।

यह भी देखें: प्रोजेक्ट नई किरण की टीम ने तीन परिवारों को कराया समझौता

Exit mobile version