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इटावा में गरजा बुलडोजर भू माफिया के कब्जे से मुक्त कराई 36 करोड़ की जमीन

इटावा में गरजा बुलडोजर भू माफिया के कब्जे से मुक्त कराई 36 करोड़ की जमीन

इटावा में गरजा बुलडोजर भू माफिया के कब्जे से मुक्त कराई 36 करोड़ की जमीन

इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के फ्रेंड्स कालोनी और इकदिल इलाके में प्रशासन ने भू माफिया के कब्जे से करीब 36 करोड़ की 65 हजार वर्ग मीटर को मुक्त करा लिया है। इस जमीन पर कॉलोनाइजर अवैध रूप से कॉलोनियो का निर्माण करने में जुटे हुए थे।
इटावा के जिलाधिकारी अवनीश राय ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी मिलने के बाद संयुक्त रूप से बुलडोजर अभियान चला कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अमल में लाई गयी।

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उन्होंने बताया कि अवैध निर्माणाधीन आवासीय प्लाटिंग पर जेसीबी, बुलडोजर चलाकर खाली करवाया गया है। भू माफिया बिना नक्शा पास करवाए अवैध तरीके से आवासीय प्लाटिंग कर रहे थे। राजस्व विभाग द्वारा दिए गए नोटिस का जवाब न देने पर डीएम के आदेश पर कार्रवाई की गई है। भू माफियाओं की जमीन पर बुलडोजर से ध्वस्तीकरण का अभियान चलाया गया है। डीएम अवनीश राय के निर्देश पर एडीएम अभिनव रंजन श्रीवास्तव थाना क्षेत्र फ्रेंड्स कॉलोनी तथा इकदिल क्षेत्र में कुल पांच स्थलों पर इस तरह की कार्रवाई की है। इनमें धर्मेश्वरी आवासीय कॉलोनी सुंदरपुर, कैंची धाम सरोजिनी हाउसिंग सोसायटी सुंदरपुर, ग्राम आवासीय कॉलोनी बमनपुर भगवतीपुर, ब्रज धाम आवासीय कॉलोनी कछपुरा, एसबीआई आवासीय कॉलोनी बमनपुर भगवतीपुर पर बिना स्वीकार मानचित्र व लेआउट प्लान के अवैध प्लाटिंग की गई। इस संबंध में कार्यालय विनियमित क्षेत्र की ओर से नोटिस दिया गया था जिसका कोई जवाब नहीं दिया गया।

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निर्धारित समय में नोटिस का जवाब न देने पर एडीएम के निर्देश पर एसडीएम सदर विक्रम सिंह राघव, सीओ सिटी अमित सिंह, तहसीलदार सदर ने पुलिस व राजस्व टीम के साथ जाकर अवैध रूप से की गई प्लाटिंग को ध्वस्त कर दिया। इन पांच स्थानों पर अवैध प्लाटिंग से आच्छादित 65 हजार वर्ग मीटर जमीन थी। जिसका सर्किल रेट के अनुसार मूल्यांकन लगभग 36 करोड रुपए होता है। इससे लगभग 1 करोड रुपए की राजस्व की क्षति हुई है जिसे खाली कराया गया। गौरतलब है कि इटावा जिले के शहरी इलाके बड़े स्तर पर अवैध कालोनाइजरो ने बड़े पैमाने पर खेतिहर जमीनों पर किसानों का भारी लालच देकर अनुबंध के आधार पर अवैध कालोनियों का निर्माण करने में जुटे हुए है। इन अवैध कॉलोनी के निर्माण में मानक का कोई भी ध्यान नहीं रखा जाता है जिससे इन कालोनियों में मकान खरीदने वाले खासी मुसीबत में आ जाते है क्यों कि अवैध कालोनी बनाने के बाद बड़ी रकम हासिल करने के बाद बड़े आराम से निकल जाते है और मुसीबत में मकान खरीदने वाले पड़ जाते है।

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