ललितपुर । कृषि क्षेत्र में सुधार के लिये प्रस्तावित तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोमवार को कहा कि आत्महत्या करने के लिये मजबूर किसानों की हर समस्या के लिये तीनों कानून जिम्मेदार हैं और जब तक सरकार इन्हें वापस नहीं लेती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा।बुंदेलखंड के ललितपुर में खाद की किल्लत के कारण हाल ही में मौत के शिकार हुये किसानों के परिजनों से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से यह बात कही।
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उन्होंने मृतक किसान भोगीराम पाल के परिजनों से नया गॉव में मुलाकात कर पीड़ित परिवार के साथ दुख साझा करते हुये उनकी परेशानियां सुनी। उन्होंने कहा कि खाद के लिए आज किसान परेशान हैं एवं लाइन में लग रहे किसानों की मौत हो रही है। टिकैत ने कहा कि किसानों की समस्याओं के समाधान होने तक किसान आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में किसानों को उनकी फसलों का वाजिब भाव तो मिल ही नहीं रहा है, अब खाद भी नहीं मिल रही है। वहीं रोजगार नहीं मिल पाने पर लोग पहले ही पलायन कर रहे हैं।
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उन्होने कहा कि इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा दलहन पैदा होती है। इसलिये सरकार को दलहन बोर्ड का गठन करना चाहिए। साथ ही इस क्षेत्र में आवारा पशुओं की गंभीर होती समस्या को समाप्त करने हेतु ठोस कदम उठाने चाहिये।उल्लेखनीय है कि टिकैत अपने दो दिवसीय दौरे में उन सभी किसानों के परिजनों से उनके घर जाकर मुलाकात करेंगे जिनकी बीते दिनों खाद की किल्लत के कारण मौत हो गई थी।
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