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बिधूना से रिया शाक्य को उम्मीदवार बना भाजपा ने सबको चौंकाया

बिधूना से रिया शाक्य को उम्मीदवार बना भाजपा ने सबको चौंकाया
बिधूना से रिया शाक्य को उम्मीदवार बना भाजपा ने सबको चौंकाया

औरैया। भारतीय जनता पार्टी ने जिले की बेहद प्रतिष्ठापूर्ण बिधूना विधानसभा से तमाम दिग्गज दावेदारों को दरकिनार कर अप्रत्याशित रूप से हाल ही में स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ सपा में शामिल हुए विधायक विनय शाक्य की बेटी रिया शाक्य को अपना उम्मीदवार बनाया है। रिया ने अपने चाचा पर अपने विधायक पिता को जबरन अपहरण कर ले जाने और सपा में शामिल कराने का आरोप लगाते हुए अपनी और परिवार की निष्ठा भाजपा में ही जताई थी। भाजपा ने इस निष्ठा का उन्हें उम्मीदवार बनाकर इनाम भी दे दिया।

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3 अक्टूबर 1996 को जन्मी रिया शाक्य ने सिंबोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी पुणे से बैचलर ऑफ डिजाइन की डिग्री हासिल की हुई है। उनके पिता पूर्व मंत्री और मौजूदा में बिधूना से विधायक विनय शाक्य के पैरालिसिस का शिकार हो जाने के बाद रिया पिता विनाशक द्वारा स्थापित शिक्षण संस्थानों व बिजनेस का काम अपने भाई सिद्धार्थ के साथ मिलकर देख रहीं थीं। पिता के अस्वस्थ होने के साथ ही सामाजिक गतिविधियों में रिया ने बढ़-चढ़कर भागीदारी शुरू कर दी थी इससे उन्हें विनय शाक्य के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जा रहा था।

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लेकिन पिछले दिनों भाजपा से स्वामी प्रसाद मौर्या की बगावत के साथ बिधूना में भी राजनीति के इस दिग्गज घराने में उठापटक शुरू हुई और विधायक विनय शाक्य भाजपा छोड़कर स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ सपा में शामिल हो गए। इस पर विनय शाक्य की पुत्री रिया शाक्य ने अपने चाचा और सपा में शामिल हुए देवेश शाक्य पर अपने पिता को जबरन अगवा कर ले जाने और सपा में शामिल कराने का आरोप लगाते हुए पुलिस अधिकारियों से न केवल सुरक्षा की गुहार की थी बल्कि अपनी निष्ठा भारतीय जनता पार्टी में ही जताई थी।

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शुक्रवार शाम भारतीय जनता पार्टी ने अप्रत्याशित रूप से रिया को अपना उम्मीदवार बनाकर उन्हें एक तरह से उनकी निष्ठा का इनाम दिया। इस विधानसभा से लंबे अरसे तक बिधूना के विधायक रहे स्वर्गी गजेंद्र सिंह की पुत्रवधू मंजू सिंह प्रमुख रूप से दावेदारी कर रही थीं। शुक्रवार को ही अखिलेश यादव पर बड़ा हमला बोलकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के साढू पूर्व विधायक प्रमोद गुप्त एलएस को भी बिधूना से भाजपा का दावेदार माना जा रहा था।

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