कोलकाता। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी ने बीजेपी को एक और बड़ा झटका दिया है। टीएमसी ने बीजेपी के विधायक बिस्वजीत दास और पार्षद मोनोतोष दास को अपने पाले में कर लिया। विधायक और पार्षद ने मंगलवार को मुकुल रॉय की मौजूदगी में टीएमसी की सदस्यता ग्रहण की। इससे पहले सोमवार को ही तन्मय घोष ने बीजेपी छोड़कर टीएमसी में शामिल हो गए थे।
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वह बिशुनपुर सीट से विधायक हैं। तन्मय घोष की तरह ही बिस्वजीत दास भी पहले टीएमसी में थे और अब फिर से घर वापसी कर ली है। उन्होंने बीजेपी छोड़ने को लेकर कहा कि मैं वह खुष नहीं था। मैंने बीजेपी में जाकर गलती की थी और वापस आना चाहता था। टीएमसी में आते ही तन्मय घोष ने दावा किया कि बीजेपी पश्चिम बंगाल के लोगों के बीच अराजकता फैलाने का प्रयास कर रही है, जिसके कारण वह टीएमसी में शामिल हो गए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी से पश्चिम बंगाल के कल्याण के लिए टीएमसी में शामिल होने का आग्रह करता हूं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हाथों को मजबूत करने की जरूरत है।
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घोष ने आरोप लगाया कि भाजपा प्रतिशोध की राजनीति कर रही है और राज्य में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही है। घोष पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले मार्च में टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। इससे पहले, घोष टीएमसी की युवा इकाई के बांकुड़ा जिले के बिष्णुपुर शहर के अध्यक्ष और स्थानीय नगर निकाय के पार्षद भी थे।
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राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने दावा किया कि त्रिपुरा के बीजेपी विधायक भी टीएमसी के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जब ममता बनर्जी त्रिपुरा में कदम रखेंगी, तो सुनामी आएगी। उस राज्य के बीजेपी नेता इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं।’’ बसु ने आरोप लगाया, ‘‘बीजेपी के नेतृत्व में त्रिपुरा खौफ की घाटी में तब्दील हो गया है।