इटावा। उत्तर प्रदेश के बीहड़ों में बने इटावा सफारी पार्क से शेर भरत और शेरनी गौरी को गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला प्राणी उद्यान के लिए रवाना कर दिया गया है। शेर भरत और शेरनी गौरी को शुक्रवार की सुबह इटावा सफारी से गोरखपुर जू के लिए रवाना कर दिया गया है। केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण व प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव के निर्देश पर इटावा सफारी पार्क के बब्बर शेर भरत व बब्बर शेरनी गौरी को शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान की टीम के पशु चिकित्सक डॉ योगेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में तथा डॉ आर.के.सिंह, उप पशुचिकित्सक पशु पालन विभाग की देख रेख में पूरी टीम के साथ में गोरखपुर प्राणि उद्यान भेजा गया। शेर भरत का जन्म इटावा सफारी पार्क के लॉयन ब्रीडिंग सेंटर में 26 जून 2019 को हुआ है जबकि शेरनी गौरी सक्करबाग प्राणी उद्यान से 25 सितम्बर 2019 में इटावा सफारी पार्क में लायी गयी थी। तब से यह शेर इटावा सफारी पार्क में रह रहे थे अब इन्हे गोरखपुर जू भेजा गया ।
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दोनों को कड़ी सुरक्षा के बीच रवाना किया गया। इस मौके पर डायरेक्टर डा. अनिल पटेल, डिप्टी डायरेक्टर विनय कुमार सिंह , रेंज आफीसर रुपेश श्रीवास्तव मौजूद रहे। इससे पूर्व 27 फरवरी 2021 में शेर पटौदी और शेरनी मरियम को भेजा गया था। जहां शेरनी मरियम की इसी वर्ष मौत हो चुकी है। जिसके बाद गोरखपुर जू में बब्बर शेर पटौदी ही बचा है। गौरतलब है कि बब्बर शेर भरत शेरनी जेसिका और शेर मनन का शावक है जोकि इटावा सफारी पार्क में 26 जून 2019 को ही जन्मा था। वहीं शेरनी गौरी को गुजरात के गिर से इटावा सफारी पार्क लाया गया था। इटावा सफारी पार्क में अब कुल 13 बब्बर शेर और शेरनी बचे है।
सफारी पार्क के उप निदेशक विनय सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश पर गोरखपुर जू से टीम आई थी। जिनको शेर भरत और शेरनी गौरी को भेजा गया है। जिस वाहन में दोनों को भेजा गया है उसमे गर्मी से बचाव के लिए विशेष इंतजाम किया गया है। वाहन में खस की टटिया लगाई गई है जिसमें पानी डालकर उस वाहन में रखे पिंजड़े का तापमान सही रहे। वाहन भी 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ही चलाने के निर्देश मिले हैं।
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शेरो के जोड़े को इटावा सफारी पार्क से गोरखपुर भेजे जाने पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव गोपाल यादव ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है । उन्होंने कहा कि 7 वर्ष से यूपी में योगी की सरकार है। इटावा लायन सफारी के लिए कुछ किया तो है नही लेकिन ऊपर से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सरकार में तैयार करवाई गई सफारी से चार शेर ले जा चुके है। सरकार की मंशा इटावा सफारी पार्क को लेकर शुरू से ही सही नही है। अब शेरों को ले जाकर इस सफारी को बर्बाद करने का कार्य सरकार के द्वारा किया जा रहा है।
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यादव ने आरोप लगाया कि समाजवादी सरकार में बने विश्व प्रसिद्ध इटावा सफारी पार्क को योगी सरकार बर्बाद करने पर अमादा है। देश दुनिया से हजारों की तादाद में देशी विदेशी पर्यटक हर साल आते है जिनसे राज्य सरकार लाखो का राजस्व भी मिलता है लेकिन इसके बावजूद सफारी के रखरखाव के लिए कोई बजट देना तक मुनासिब नहीं समझ रही है। इसके उलट इटावा सफारी पार्क से गोरखपुर में निर्मित अशफ़ाकउल्ला प्राणी उद्यान के लिए शेरो को लगातार भेजा जा रहा है। इटावा सफारी पार्क में पिछले साल ओर इस साल आधा दर्जन से ऊपर हुई शावको की मौत की आज तक जांच नहीं हुई है जबकि शावको की मौत निश्चित तौर पर गंभीर लापरवाही के कारण संभव हुई है। राज्य वन विभाग की ओर से आज तक जांच तक नहीं कराई गई है।सेंट्रल जू अथॉरिटी को भी वन विभाग नजर अंदाज कर रहा है।