- शिक्षाविद रामशंकर गुप्ता बाबू जी की जयंती का हुआ आयोजन
- एक सैकड़ा से अधिक जरूरतमंदों को कंबल वितरित किए गए
औरैया। विवेकानंद ग्रामोद्योग महाविद्यालय के संस्थापक रहे और बाबू जी के नाम से विख्यात शिक्षाविद रामशंकर गुप्त की चतुर्थ पुण्यतिथि जरूतमंदों की सेवा दिवस के रूप में मनाई गई। इस मौके पर बाबू जी की चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई और करीब एक सैकड़ा जरूरतमंदों को कंबल वितरित किए गए। कार्यक्रम का शुभारंभ बाबू जी के सखा और प्रबंध समिति के सदस्य करुणाशंकर तिवारी ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। उन्होंने कहा की पूज्य बाबू जी को शत शत नमन। बाबू जी ने सामाजिक कर्तव्यबोध को जीवन में उतारकर न केवल उच्च शिक्षा की क्रांति फैलाई बल्कि खादी को भी गांव गांव तक पहुंचाकर उसे ग्राम उद्योग के जरिए ग्रामीण जन को रोजगार से जोड़े।
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लोकसेवा की भावना लिए उन्होंने अपने सम्पूर्ण जीवन को इसी काम में खपा दिया। वह कर्मठ और कर्तव्यनिष्ठ थे। उनके विचारों को भुलाया नही जा सकता वह हमेशा प्रासंगिक रहेंगे। प्राचार्य डा इकरार अहमद ने कहा की औद्योगिक नगरी दिबियापुर के कई किलोमीटर तक के लोगों को उच्च शिक्षा दिलाने का श्रेय बाबू जी को ही है। उन्होंने कड़े संघर्ष से महाविधालय की स्थापना की और आज इस महाविद्यालय से अध्यन कर कई छात्र उच्च पदों पर आसीन है। इसके बाद प्रबंध समिति के सदस्य करुणा शंकर तिवारी व बाबू जी के बेटे हिमांशु गुप्ता ने करीब एक सैकड़ा से अधिक
जरूरतमंद लोगों कम्बल वितरित किए। इसके बाद आस पास के मंदिर में जाकर महंतो की भी कंबल दिए। इस मौके पर प्रोफेसर इफ्तखार हसन, डा रीना आर्या,यश कुमार,विनीत त्रिपाठी,महेंद्र तिवारी,प्रदीप ओमर,अनुपम तिवारी,राहुल शुक्ला,पप्पू यादव आदि लोग प्रमुख रुप से मौजूद रहे।