- राली जलाने के बजाए शुरू किया दान
- जिला प्रशासन के जन जागरूकता अभियान को मिल रही सफलता
- जिलाधिकारी ने पराली दान देने वाले किसानों को किया सम्मानित
- कृषि विभाग ने शुरू की पराली में बदले गोबर की खाद देने की योजना
कानपुर देहात । जिला प्रशासन फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों को जागरूक करने की हर संभव कवायद में लगा हुआ है। इसी के चलते जिला प्रशासन की ओर से जन जागरूकता अभियान सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है। साथ ही पर्यावरण के प्रति जागरूक किसानों को सम्मानित भी किया जा रहा है। जिला प्रशासन के जागरूकता अभियान की पहल सफल होती दिखाई दे रही है। जिला प्रशासन के अथक प्रयासों के चलते अब कानपुर देहात के किसान जागरूक होकर खेतों में पराली न जला कर पराली दान करने का कार्य कर रहे हैं।
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वहीं जिला प्रशासन ऐसे किसानों को सम्मानित भी करने का काम कर रहा है। इसी के चलते आज जनपद कानपुर देहात के महिला किसान सहित 3 किसानों ने जिला मुख्यालय माती पहुंच जिलाधिकारी को पराली दान की। वहीं जिलाधिकारी जीतेंद्र प्रताप सिंह ने किसानों का उत्साह वर्धन करते हुए उनको सम्मानित भी किया। साथ ही किसानों को हर संभव सहायता हर समय उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया। वहीं कृषि विभाग ने फसल अवशेष प्रबंधन के तहत किसानों को जागरूक करने के लिए पराली के बदले गोबर की खाद देने की योजना शुरू की है।
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कानपुर देहात के जिला मुख्यालय माती स्थित कलेक्ट्रेट परिसर पहुचकर दुर्गापुरवा की संध्या और पाल नगर ज्योतिष के बृजेश कुमार सहित 3 किसान एक-एक ट्राली पराली लेकर गौशालाओ को दान किया। महिला किसान सहित किसानों ने जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह को कृषि विभाग और पशुपालन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में पराली दान की। जिसके बाद जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने किसानों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया। साथ किसानों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन भी दिया। वहीं किसानों ने पराली दान को परोपकार कार्य मानते हुए कहा कि पराली जलाने के बजाए दान करने से जहाँ पशुओं को चारा मिलेगा। वहीं दूसरी ओर पर्यावरण दूषित होने से बचेगा।
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वहीं उप कृषि निदेशक विनोद कुमार यादव ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन कार्यक्रम के तहत किसानों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है। जन जागरूकता अभियान की सफलता दिख रही है। किसान जागरूक होकर पराली जलाने के बजाए दान करने का काम शुरू कर दिया है। जिसके चलते पिछले वर्ष खेतों पर पराली जलाने की हुई घटना में कमी आई है। वहीं किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विभाग की तरफ से एक ट्राली पराली के बदले एक ट्रॉली गोबर की खाद देने की योजना शुरू की गई है।
वहीं जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने किसानों को सम्मानित करते हुए कहा कि किसानों का यह कार्य जहा वायु प्रदूषण को होने से रोकेगा। वहीं पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था भी सुनिश्चित हो पाएगी। ऐसे किसानों के साथ जिला प्रशासन हर समय खड़ा नजर आएगा।