- लक्षमण परशुराम संवाद सुनने के लिए सुबह तक डटे रहे श्रद्धालु
फफूंद । नगर की ऐतिहासिक 152वें श्री रामलीला महोत्सव के पांचवें दिन शनिवार रात्रि को विशाल धनुष भंग लीला का मंचन किया गया। भगवान श्री राम ने जैसे ही धनुष तोड़ा वैसे ही पंडाल में जय श्री राम के जयकारे गूँजने लगे वहीं परशुराम-लक्ष्मण संवाद देखने को सुबह तक लोगों की भारी भीड़ डटी रही। नगर में चल रही रामलीला में पांचवें दिन धनुष भंग का मंचन किया गया । रामलीला का शुभारंभ भाजपा नेता विनोद यादव ने फीता काटकर और भगवान की आरती उतारकर किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम मर्यादा का पालन करते हुए सत्य के मार्ग पर चले और मर्यादा पुरुषोत्तम राम कहलाए हमें भगवान श्रीराम के आदर्शों पर चलना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि धार्मिक कार्यक्रम किसी एक व्यक्ति के नहीं होते हैं बल्कि इसमें सभी का योगदान होता है। इसके बाद धनुष भंग लीला का मंचन किया गया। जिसमें राजा जनक ने सीता स्वयंवर का आयोजन किया जिसमें देश-विदेश के राजाओं को आमंत्रित किया गया। आए हुए सभी राजाओं ने धनुष तोड़ने का भरसक प्रयास किया मगर वह सभी असफल रहे। तब भगवान श्रीराम उठे और गुरु को प्रणाम कर धनुष को उठा लिया और प्रतंचा चढ़ाकर धनुष को दो भागों में विभाजित कर दिया। धनुष टूटते ही पंडाल जय श्री राम के जयकारों से गूंज उठा।
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इसके बाद लक्ष्मण-परशुराम सवांद हुआ जिसे देखने के लिए श्रोता सुबह तक पंडाल में डटे रहे। इस मौके पर रामलीला के अध्यक्ष मानवेन्द्र पोरवाल बब्बू दादा , अवधेश दुबे, भाजपा नेता प्रेम कुमार गुप्ता,कृपा शंकर शुक्ला,प्रमोद तिवारी,अनुराग तिवारी, धीरू शर्मा, कल्लू यादव, राजू पांडेय, नीतिन त्रिपाठी,ओम बाबू तिवारी, रानू अगिनोत्री, उमेश अवस्थी, अन्नी त्रिपाठी,यश पोरवाल, श्यामू अग्निहोत्री मौजूद रहे।