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आंगनबाड़ी कर्मियों को करना होगा डिप्लोमा, नई शिक्षा नीति में प्री प्राइमरी शिक्षक कैडर तैयार करने पर दिया गया है जोर

आंगनबाड़ी कर्मियों को करना होगा डिप्लोमा, नई शिक्षा नीति में प्री प्राइमरी शिक्षक कैडर तैयार करने पर दिया गया है जोर
आंगनबाड़ी कर्मियों को करना होगा डिप्लोमा, नई शिक्षा नीति में प्री प्राइमरी शिक्षक कैडर तैयार करने पर दिया गया है जोर

नई दिल्ली। सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू होने के साथ बेसिक स्तर के शिक्षक और आंगनबाड़ी कर्मियों को भी छह महीने और एक साल की विशेष प्रशिक्षण लेने होंगे। 12वीं और इससे उच्च स्तर पर शिक्षितों को केवल छह महीने का सर्टिफिकेट कोर्स करना होगा। जबकि इससे कम शिक्षा वाली आंगनबाड़ी कर्मियों को एक साल डिप्लोमा कोर्स कराया जाएगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इसका प्रावधान किया गया है। सरकार का मानना है कि इससे प्री प्राइमरी शिक्षकों को शुरूआती कैडर तैयार हो सकेगा।

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्री-प्राइमरी शिक्षा को खास तवज्जो दी गई है। पूर्व के 10+2 फार्मूले की जगह सरकार ने बेसिक से माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा के लिए 5+3+3+4 का फार्मूला तैयार किया है। पहले पांच साल में तीन साल प्री-प्राइमरी के लिए और बाकी दो पहली और दूसरी कक्षा के लिए।

विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों के दिमाग का 85 प्रतिशत विकास छह साल की उम्र से पहले ही हो जाता है। यही वो समय होता है जिसमें उनके भविष्य की बुनियाद रखी जा सकती है। लेकिन, प्री-प्राइमरी स्तर के छात्रों को शिक्षा से जोड़ना भी कम चुनौतीपूर्ण न होगा। आंगनबाड़ी स्तर पर बच्चों के पोषण और शारारिक गतिविधियों की लिए अनुकूल माहौल जरूर मिल जाता है, लेकिन की उनकी ऊर्जा को शिक्षा की ओर मोड़ने के लिए खास तकनीक की आवश्यकता होगी। इसके लिए प्री-प्राईमरी और पहली, दूसरी कक्षा स्तर के लिए शिक्षकों के लिए एक अलग कैडर की जरूरत है।

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यह होगी प्रक्रिया:

यूं होगी पढा़ई:

दोनो कोर्स को ऑनलाइन और आफलाइन दोनों मोड में चलाया जाएगा। डिजीटल, डिस्टेंस एजुकेशन, डीटीएच चैनल के साथ स्मार्ट फोन के माध्यम से शिक्षक और आंगनबाड़ी कर्मी को इससे जोड़ा जाएगा। इससे वे अपना वर्तमान काम करते हुए अपनी नई क्षमताए भी विकसित कर सकेंगे।

नरेंद्र सिंह राणा (पूर्व अपर निदेशक-विद्यालयी शिक्षा) ने कहा, ‘सरकारी स्कूलों के छात्रों के प्राइवेट के मुकाबले पिछड़ने की वजह यही थी कि उन्हें प्रीप्राइमरी के रुप में अपनी मानसिक बुनियादी मजबूत करने का मौका नहीं मिलता था। प्रीप्राइमरी सेक्टर के लिए अलग कैडर भी विकसित करना जरूरी है। प्रशिक्षण निसंदेह शिक्षकों और कर्मियों की क्षमताओं को बढ़ाने में सहायक होंगे। यहां एक बात और कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधान जितने अच्छे हैं, उतनी ही ईमानदारी से उन्हें धरातल पर साकार भी करना होगा।

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