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शिवनारायण मढ़ैया में कुपोषण के खात्मे के लिए प्रयासरत आंगनबाड़ी मंजू

शिवनारायण मढ़ैया में कुपोषण के खात्मे के लिए प्रयासरत आंगनबाड़ी मंजू

शिवनारायण मढ़ैया में कुपोषण के खात्मे के लिए प्रयासरत आंगनबाड़ी मंजू

इटावा। आंगनबाड़ी मंजू वर्ष 2007 से निरंतर जनपद के शिवनारायण मढ़ैया क्षेत्र में अति कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने के लिए प्रयासरत रहती हैं। उन्होंने शहरी क्षेत्र से अब तक सर्वाधिक 30 बच्चे अपने क्षेत्र (शिवनारायण मढैया) से पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती कराए हैं। शहरी क्षेत्र में आने वाले शिवनारायण मढ़ैया में 90% लोग मजदूरी करते हैं और उससे जो भी कमाई होती है उसी से अपना जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे में उनको पोषण के संदर्भ में जानकारियां देना व जागरूकता लाकर उनके खान-पान संबंधी व्यवहार को बेहतर बनाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है जिस पर आंगनबाड़ी मंजू लगातार प्रयासरत हैं। आंगनवाडी मंजू बताती है कि उनके क्षेत्र में उनके द्वारा चिन्हित किये गए अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती करवाना एक बड़ा चुनौतीपूर्ण काम है। वह क्षेत्रीय लोगों में अशिक्षा व अज्ञानता के कारण अभिभावक ध्यान नहीं देते वह कहते हैं हम अपने बच्चों को घर में ही सही कर लेंगे। ऐसी परिस्थिति में अभिभावकों को अलग-अलग तरीके से समझाना पड़ता है।

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अभिभावकों को पहले ठीक हो चुके बच्चों के उदाहरण देकर समझाते है, एनआरसी में दी जाने वाले सेवाओं के बारे में पूरी जानकारी देते हैं। कुछ के घर बार- बार जाकर मानते है तब जाकर कुछ लोग एनआरसी आने पर राज़ी होते हैं। मंजू बताती हैं कि जब यही बच्चे कुपोषण से जंग जीत कर स्वस्थ होकर आंगनबाड़ी केंद्र पर पढ़ने आते हैं, तो यह बात उन्हें बहुत संतुष्ट करती है। इसी माह की सात सितंबर को दो बच्चियों 3 वर्षीय सलोनी व 2 वर्षीय शिवानी एनआरसी में भर्ती कराया गया। बच्चियों की मां राजवती बताती हैं कि मुझे मंजू दीदी ने लगभग एक महीने पहले मेरे बच्चे के अति कुपोषित होने के बारे में बताया था और एनआरसी भर्ती करने को बोला था लेकिन मुझे लगा बच्ची कुछ दिनों में घर में ही ठीक हो जाएगी। जबकि मंजू दीदी अक्सर घर आकर भर्ती करवाने की बात करती रहती थी। एक दिन वह मुझे अपने केंद्र पर ले गई उन्होंने अलग-अलग चार्ट और चित्र की सहायता से बच्चों के कुपोषित होने के संदर्भ में पूरी जानकारी दी तब मुझे लगा कि बच्ची को भर्ती कराना ज़रूरी है।भर्ती होने के बाद सलोनी का वजन 9 किलो से 10 किलो हुआ, शिवानी का वजन 7 किलो से 8 किलो हो गया।

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अब बच्ची के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। शिवनारायण मड़ैया क्षेत्र की ही रहने वाली मंतशा ने बताया बीटा सुवान 7 माह का है उन्हें आंगनबाड़ी दीदी के कहने पर उन्होंने बच्चे को 08 सितंबर को एनआरसी में भर्ती कराया बच्चे का वजन 5 किलो था अब वजन बढ़ कर 6.2किलोग्राम हो गया है।अब बच्चे में सुधार हो रहा है और मुझे खुशी है कि सरकार द्वारा निशुल्क सुविधा मिली और मुझे हर दिन वहां रहने के पचास रुपए भी मिले। एनआरसी आहार विशेषज्ञ पल्लवी ने बताया मंजू कभी हार नहीं मानती और अति कुपोषित बच्चों के अभिभावकों को जिस तरह प्रोत्साहित करती हैं वह बहुत ही सराहनीय है।उन्होंने बताया कि बच्चों को फॉलोअप कराने के लिए बच्चों के अभिभावको के पास पैसे नहीं होते हैं तो वह आर्थिक मदद करती हैं।एनआरसी के डॉ पीके गुप्ता ने बताया कि जिस तरह से मंजू बच्चों के फॉलोअप के संदर्भ में सारी जानकारी और व्यक्तिगत रुचि लेते हुए बच्चों की देखरेख करती है वह काबिले तारीफ है।डीपीओ सूरज सिंह ने बताया कि मंजू अपने आंगनबाडी केंद्र पर जिस तरह आसपास के लोगों को पोषण के संदर्भ में विभिन्न तरह की जानकारी और जागरुकता ला रही हैं वह उनके कार्य को परिभाषित करता है मैं उनके कार्य की सराहना करता हूं।मुझे खुशी है वह अपने क्षेत्र के अति कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है

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