जल निकासी , लार्वीसाइडल छिड़काव, फॉगिंग कराने के निर्देश
औरैया | अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा द्वारा नगर विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं सूचना विभाग को जनपद में डेंगू के प्रभावित नियन्त्रण हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये।
यह भी देखें : स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही, नसबंदी के बाद भी महिला हुई प्रग्नेंट
उन्होने नगर विकास विभाग और पंचायती राज विभाग को नालियों की सफाई तथा जल भराव वाले क्षेत्रों में जल की निकासी कराने, नालियों में लार्वीसाइडल का छिड़काव कराने, रोस्टर बनाकर फॉगिंग कराने, घर-घर अभियान चलाकर कूलर, टायर, प्लास्टिक के बर्तन, गमले, फ्रिज की ट्रे इत्यादि में एकत्रित पानी को निस्तारित कराने की कार्यवाही करने, झाड़ियों की कटाई करने आदि के निर्देश दिये। उन्होने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिये कि आशा के माध्यम से ग्रामों में ज्वर पीड़ित रोगियों की सूची बनाते हुए |
यह भी देखें : पति और ससुर ने महिला की कर दी पिटाई
उनकी रक्त पटिटका एवं रेपिड डॉग्नोस्टिक किट से जांच की जायें, मलेरिया धनात्मक पाये गये रोगियों का उपचार कराया जाये। चिकित्साधिकारी द्वारा अपने क्षेत्र में बुखार के रोगी होने की सूचना पर आरआरटी टीम भेजकर प्रभावित रोगियों की जांच एवं उपचार प्रदान किया जाये। ग्राम प्रधान से सम्पर्क कर प्रभावित ग्रामों में लार्वीसाइडल एवं डीडीटी का स्प्रे कराया जाये। साथ ही 100 शैया एवं 50 शैया जिला चिकित्सालय के सीएमएस को निर्देशित किया कि वह अपने चिकित्सालयों में १०-१० बेड डेंगू मरीजों हेतु संरक्षित करें।
यह भी देखें : निरिक्षण के दौरान एसडीएम को पशु चिकित्सालय में लटका मिला ताला
सीएमओ ने बताया. कि साधारण डेंगू बुखार में उपचार व देखभाल घर पर ही की जा सकती है। डॉक्टर की सलाह पर बुखार कम करने हेतु पेरासिटामोल नाम की औषधि ले सकते हैं। बुखार 102 डिग्री फॉरेनहाइट से अधिक होने पर शरीर पर पानी की पट्टियां रखें। डेंगू से बचाव एवं रोकथाम के उपाय घर के अंदर व आंगन में जहां भी पानी एकत्रित हो रहा है उसे साफ करें।
घर में कोई भी बेकार बर्तन खुली बोतल डिब्बे पुराने टायर, कबाड़ एवं प्लास्टिक का सामान एकत्रित ना होने दें। इसमें पानी के ठहरने से डेंगू मच्छर के पनपने का खतरा सबसे अधिक है। बर्तनों को खाली कर उल्टा कर के रखें, पानी के बर्तन टंकी और हौदी को ढक कर रखें।फूल के गमलों में पानी ना ठहरने दें। कूलर का पानी सप्ताह में एक बार खाली कर दें और सुख जाने के बाद ही भरे। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।ऐसे कपड़े पहने जो शरीर को ज्यादा से ज्यादा ढक सके।डेंगू के लक्षण होने पर चिकित्सक से मिलें एवं बिना चिकित्सक की सलाह के कोई दवा ना लें।यदि आपके आसपास एकत्रित पानी को हटाना आसान व संभव ना हो तो उस में मिट्टी का तेल केरोसिन या पेट्रोल छिड़क दें।