इटावा। समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक दल की बैठक में आमंत्रण न मिलने से खफा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव सोमवार को होने वाली सपा के सहयोगी दलों के विधायकों की बैठक की परवाह किए बगैर रविवार को इटावा से नई दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। शिवपाल सिंह के अगले कदम पर सपा सहित सभी राजनीतिक दिग्गजों की निगाहें बनीं हुई हैं बता दें कि शिवपाल यादव शनिवार शाम लखनऊ से इटावा अपने चौगुर्जी आवास पहुंचे हुए थे।
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उनके इटावा पहुंचने की सूचना पर बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी पहुंच गये थे लेकिन शिवपाल ने किसी से भी मुलाकात नही की थी। इससे पहले उन्होने लखनऊ में सपा विधायको की बैठक मे ना बुलाये जाने पर नाखुशी जाहिर करते हुये करते हुये कहा था कि वो इटावा जा रहे है जहां अपने परचितो के बीच राय शुमारी करके कोई निर्णय करेगे। शिवपाल के करीबी सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में शिवपाल अपने बड़े भाई और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के समक्ष अपना दर्द बयान कर सकते हैं ।
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शिवपाल के दिल्ली जाने को लेकर 28 मार्च को लखनऊ मे सपा गठबंधन के विधायको की प्रस्तावित बैठक मे भी शामिल होने को लेकर संशय बन गया है क्योंकि 28 मार्च को पूवार्हन 11 बजे से सपा कार्यालय पर बैठक होना तय है। शिवपाल अपनी परंपरागत सीट जसवंतनगर विधानसभा से सपा के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ पर चुनाव मैदान में उतरे थे लेकिन जब विधानसभा चुनाव के नतीजे सपा गठबंधन के पक्ष में नहीं आए तो शिवपाल सीधे तौर पर अखिलेश पर निशाना साधने लगे।
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26 मार्च को सपा मुख्यालय में हुई पार्टी विधायक दल की बैठक में शिवपाल को आमंत्रित नहीं किया गया तो नाराज शिवपाल ने पत्रकारों से कहा कि वह अब अपने गृह जिले इटावा जा रहे हैं जहां अपने लोगों के बीच बैठकर के निर्णय करेंगे और उसके बाद कोई सही ऐलान किया जाएगा। अब सवाल यह खडा होता है कि 26 मार्च को सपा प्रमुख अखिलेश यादव नेता विरोधी दल की भूमिका मे भी आ चुके है, ऐसे मे शिवपाल की अखिलेश से तल्खी किस दिशा मे सपा गठबंधन को ले जायेगी यह दिलचस्पी हर किसी की भी बनी हुई दिखाई दे रही है ।