दिबियापुर। एक ओर सरकार जहाँ गेहूं की खरीद के लिए हाँथ पैर मार रही और हर तरह के प्रयास कर रही है व् लेकिन परिणाम आशा के विपरीत जा रहे है। निजी गेहूं क्रय केंद्रों पर सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक की दर से खरीद होने के चलते जिले की सरकारी समितियों पर बनाए गए क्रय केंद्रों पर सन्नाटा छाया हुआ है. जिले की ज्यादातर समितियों पर अभी तक खरीद शुरू नहीं हो पाई है इक्का-दुक्का क्रय केंद्रों पर तमाम प्रयासों के बाद एक दो किसानों ने अपना गेंहूँ बेचा है ।
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इसके पीछे किसानों ने जो कारण बताया वह विचलित करने वाला है कि सरकार द्वारा निर्धारित क्रय मूल्य से उन्हें बाजार में करीब ₹200 प्रति कुंतल ज्यादा रुपया मिल रहा है इसलिए उन्हें सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचने से कोई फायदा नहीं है यही वजह है कि लोग सरकारी क्रय केंद्रों पर अपना गेहूं नहीं बेच रहे हैं हालांकि जिला प्रशासन इस ओर तमाम प्रयास कर रहा है लेकिन अभी तक कोई कामयाबी मिलती नहीं दिख रही है।
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विकासखंड अछल्दा के साधन सहकारी समिति ममरेजपुर पाता के सचिव मुनेश्वर सिंह सभापति सत्यदेव राजपूत एवं समित से जुड़े पदाधिकारियों , कर्म चारियों के तमाम प्रयसों के बाद 47 कुंतल गेहूं की खरीद हो सकी है। जहाँ किसान प्रेम प्रकाश तिवारी निवासी सरैया ममरेजपुर ने अपना 47 कुंतल गेहूं 28 अप्रैल को बेचा उनका मानना है हर समय सरकार ने बाजार से अधिक पैसे में किसानो का गेहूं ख़रीदा लेकिन अबकी बार कुछ वजह है जो व्यापारी अधिक पैसों में खरीद रहे है लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया और अपना गेहूं सरकारी क्रय केंद्र पर दिया है।
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पूजन और मिष्ठान वितरण के बाद विधिवत खरीद शुरू हुयी। सचिव मुनेश्वर सिंह सेंगर ने बताया कि उनका प्रयास है कि 15 मई तक 1000 कुंतल गेहूं की खरीद हो इसके लिए वह गांव गांव जाकर किसानों से संपर्क कर रहे हैं और उन्हें सरकार की नीति से अवगत कराया जा रहा है किसानों का भुगतान तत्काल किया जा रहा है।