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नशा नाश की जड़ है _ जगदगुरु राम स्वरूपाचार्य

नशा नाश की जड़ है _ जगदगुरु राम स्वरूपाचार्य

दिबियापुर। नशा चाहे पुरुष करे या महिला करे, नशा नाश की जड़ है। जो नशा करता है उसका नाश अवश्य ही जाता है। जो व्यक्ति पान मसाला आदि का नशा करता है, वह धन भी खर्च करता है और अंत में जान से भी हाथ धो बैठता है। हमें अपने इष्ट के साथ लगन रूपी नशा करना चाहिए जो पूरी जिंदगी न उतरे। ये बातें कथा के दौरान कामतानाथ मंदिर चित्रकूट के पीठाधीश्वर जगदगुरु राम स्वरूपाचार्य ने कही। जगदगुरु राम स्वरूपाचार्य ने कहा कि असली नशा सत्संग सुनने का है। जो इस भीषण गर्मी में भी आप सभी को कथा सुनने के लिए खींच लाया है।

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ऐसा नशा क्या करना जो उतर जाए, ऐसा नशा करो जो नशा उतरे ही न अपने इष्ट से ऐसी लगन लगा जो पूरी जिंदगी न उतरे सूरदास, मीराबाई जैसा नशा करो जो पूरे जीवन न उतरे और जीवन धन्य हो जाए। उमेश प्रकाश और भक्तों ने प्राण प्रतिष्ठित मूर्तियों की पूजा अर्चना की।

अजीतमल ब्लाकप्रमुख रजनीश पांडेय, दिबियापुर नगर पंचायत अध्यक्ष राघव मिश्रा ने आरती कर महाराज जी का शालार्पन मालार्पण कर आशिर्वाद लिया वही महाराज जी ने दोनो अतिथियो को स्मृति चिह्न देकर आशिर्वाद दिया। उमेश प्रकाश ने बताया कि 10 जून तक श्री राम कथा का आयोजन होगा।

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