बस्ती । उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में बाबा भदेश्वरनाथ मन्दिर में इस बार लगभग पांच लाख कावड़ियाें के जलाभिषेक करने की संभावना है।
मंगलवार को यहां यह जानकारी देते हुए अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भदेश्वरनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए करीब पांच लाख से अधिक श्रद्धालु 29 जुलाई से अपनी यात्रा प्रारम्भ करेंगे तथा 30 व 31 जुलाई को अयोध्या से जल लेकर बस्ती-अयोध्या राष्ट्रीय राज्यमार्ग के रास्ते भदेश्वरनाथ मन्दिर परिसर में पहुंचेंगे। कावड़ियों द्वारा भदेश्वरनाथ मन्दिर में एक अगस्त को 12.00 बजे (तेरस) में जलाभिषेक किया जायेगा। उनकी सुरक्षा के लिए विशेष प्रबन्ध किया जा रहा है।
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कांवड़ यात्रा को लेकर गोरखपुर, बस्ती-लखनऊ राष्ट्रीय राज्यमार्ग (एनएच 28) 29 जुलाई से ही सामान्य आवाजाही प्रतिबन्धित कर दिया जायेगा। ये आवाजाही दो अगस्त तक सामाान्य होने की स्थिति में आयेगी। कांवड़ यात्रा तथा मेला सम्पन्न होने तक रूट डायवर्ट रहेगा। पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) आरके भारद्वाज ने बताया है कि कावड़ियो की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहेगा। परिक्षेत्र के तीनों जिलों बस्ती में 65, सिद्धार्थनगर 46 तथा संतकबीर नगर में 47 शिवालय है। सभी शिवालयों पर सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है। स्थान चिन्हित करके कावड़ियो की सुरक्षा के लिए ड्रोन कैमरा भी लगाया जायेगा। कावड़ मेला को समपन्न कराने के लिए पुलिस टीम द्वारा तैयारियां कर ली गयी है। इसके लिए रूट डायवर्जन का जो नक्शा है उसे तैयार कर लिया गया है।
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गौरतलब है कि महाभारत काल में द्यूतक्रीड़ा में हारने के बाद अज्ञातवास के दौरान राजा युधिष्ठिर ने यहां शिवलिंग की स्थापना कर पूजा की थी। यह क्षेत्र वर्षों तक घने जंगलों से घिरा रहा। कहा जाता है कि ब्रिटिश कालीन सरकार मंदिर के आसपास के क्षेत्रफल पर कब्जा करना चाहती थी। मगर ब्रिटिश सेना को दैवीय आपदाओं के कारण इससे कदम पीछे खींचना पड़ा था। जन श्रुतियों के अनुसार मंदिर के शिवलिंग को चोरी करने का भी प्रयास किया गया था। कुछ चोरों ने शिवलिंग की खुदाई भी की, लेकिन काफी खुदाई के बाद भी जब शिवलिंग का अंत नहीं मिला। जिसके बाद वह भागने लगे तो उनके गाड़ी का पहिया वहीं धंस गया और पत्थर बन गया। इसे आज भी देखा जा सकता है। श्रद्धालुओं द्वारा पत्थर को पूजा जाता है। बस्ती मंडल की पहचान है बाबा भदेश्वरनाथ मंदिर अपने आप में कई पौराणिक कथाओं को समेटे बाबा भदेश्वरनाथ मंदिर पूरे मंडल की पहचान है। श्रावण मास में राम की नगरी अयोध्या से सरयू नदी का जल लेकर लाखों लाख श्रद्धालु यहां जलाभिषेक करते हैं।
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इसके अतिरिक्त महाशिवरात्रि में भी यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। प्रत्येक सोमवार को भी श्रद्धालु इस मंदिर में सैकड़ों की संख्या में पूजा करने आते हैं। यहां की ऐसी मान्यता है कि यहां पर जलाभिषेक और पूजन अर्चन से मनोकामना पूर्ण होती है। इस मंदिर से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। कहा तो यह भी जाता है कि बाबा भदेश्वर नाथ मंदिर में एक ऐसा शिवलिंग है जिसे कोई भी भक्त अपने दोनों बांहों से घेर कर नही पकड़ सकता है। मन्दिर परिसर में एक पेड़ लगा हुआ है जिसकी पहचान अभी तक नही हो पायी है इसकी पहचान के लिए कई विद्धानों ने इस पर रिसर्च किया लेकिन सब लोग अलग-अलग नाम देते है इस पौधे की खूबी यह है कि यह पौधा जड़ लेकर ऊपर तक केवल बाहरी हिस्से पर टिका हुआ है। इसके अन्दर खाली जगह दिखायी पड़ता है।