- बिधूना क्षेत्र में अशोकपुरी कोआपरेटिव के नाम दर्ज 119 करोड़ रूपए मूल्य की भूमि राज्य सरकार के नाम हुई
- अधिकारियों के अनुसार फर्जी गजट के आधार पर 150.139 हेक्टेयर जमीन अशोकपुरी फार्म के नाम दर्ज की गई थी
औरैया। जिले की बिधूना तहसील क्षेत्र के ग्राम रूरूखुर्द में फर्जी गजट के आधार पर अशोकपुरी कोआपरेटिव संस्था के नाम श्रेणी 8 में दर्ज भूमि को निरस्त कर राज्य सरकार में निहित कर दिया गया है। उक्त 150.139 हेक्टेयर संपत्ति का अनुमानित बाजारी मूल्य 119 करोड़ रूपए आंकलित किया गया है।
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उप जिलाधिकारी बिधूना राशिद अली ने गुरुवार को यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि शासन के निर्देश पर सहकारी समितियों के नाम श्रेणी 8 में दर्ज भूमि पर काबिज भू-माफियाओं के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत गुरुवार को तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत रूरूखुर्द में आने वाली वर्तमान राजस्व अभिलेख नान जेड.ए. खतौनी में खाता संख्या 1 की गाटा संख्या 2699/3.662, 2700/7.709, 2701/4.209, 2702/26.405, 2733/5.141, 2734/0.583, 2735/13.719, 2736/9.490, 2737/9.587, 2981/3.497, 2993/3.763, 2994/7.609, 2995/9.692, 3298/36.017, 3299/4.896, 3300/4.160 कुल 16 किता/150.139 हेक्टेयर भूमि श्रेणी 8 के अंतर्गत बिना अधिकार अभिलेख के फर्जी रूप से राज्य सरकार की भूमि पर मोहकमा अशोकपुरी कोआपरेटिव का नाम दर्ज चला आ रहा था, जिसे न्यायालय उपजिलाधिकारी बिधूना द्वारा वाद संख्या टी-202003050201386 के अंर्तगत धारा 38(2) उत्तर प्रदेश राज्य संहिता 2006 में पारित आदेश दिनांक 23 जुलाई 2020 के द्वारा राज्य सरकार की 150.139 हेक्टेयर भूमि में मोहकमा अशोकपुरी कोआपरेटिव का नाम श्रेणी 8 से निरस्त कर राज्य सरकार में निहित कर दी गई है। उपरोक्त राज्य सरकार की सम्पत्ति का अनुमानित बाजारी मूल्यांकन 119 करोड़ रूपए आंकलित है। उपर्युक्त भूमि से मोहकमा अशोकपुरी कोआपरेटिव का निरस्त करके राज्य सरकार की 119 करोड़ रुपए की भूमि भू-माफियाओं से मुक्त करायी गयी है। शासन का महत्त्वपूर्ण योजना एंटी भू-माफिया के अंतर्गत राज्य सरकार की 119 करोड़ की भूमि को सुरक्षित किया गया है।
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बताते चलें कि गत वर्ष सोनभद्र जिले में सहकारी समिति के नाम दर्ज भूमि पर काबिज भू-माफियाओं से उसे मुक्त कराने के लिए जब प्रधान एवं अन्य लोग मौके पर गए तो वहां पर हुई हिंसा में 10 आदिवासी मौके पर एवं दो की बाद में मौत हो गई थी। जिसके बाद यह मामला पूरे देश व देश में चर्चा का विषय बन गया था और राजनेता राजनीतिक रोटियां सेंकने लगे थे। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी द्वारा मृतक के परिजनों को 10 बीघा जमीन व आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई गई थी। किंतु इसके बाद प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया कि सहकारी समितियों के नाम प्रदेश में श्रेणी 8 में गलत तरीके से दर्ज सभी भूमि पर काबिज अवैध कब्जेदारो से उसे कब्जा मुक्त कराकर राज्य सरकार अपने अधीन लेगी। जिसके बाद पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर पहले सहकारी समितियों के नाम दर्ज भूमि को चिन्हित किया गया फिर उसके बाद वाद दायर कर समितियों को नोटिस जारी कर उनका पक्ष सुनकर श्रेणी 8 को निरस्त कर राज्य सरकार के नाम घोषित किया जा रहा है।
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इसी क्रम में ग्राम रूरूखुर्द स्थित उक्त अशोकपुरी कोआपरेटिव के नाम श्रेणी 8 में दर्ज 16 किता/150.139 हेक्टेयर भूमि पर उ.प्र. राजस्व संहिता 2006 की धारा 38(2) के तहत मुकदमा चलाया गया, साथ ही तहसीलदार बिधूना आख्या मांगी गई और उस पर सहमति जताते हुए उक्त भूमि से श्रेणी 8 निरस्त कर राज्य सरकार में निहित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इसमें कोआपरेटिव सोसायटी को नोटिस भी जारी किया गया था जिसमें सोसायटी के अध्यक्ष द्वारा दिए गए अभिलेखों निबन्धन पत्र, 18 अप्रैल 1949 का गजट नोटिफिकेशन दिखाया गया, जिसके आधार पर गलत तरीके से नॉन जेड.ए. की भूमि को अपने नाम करा लिया था। जांच में गजट फर्जी पाया, उसके बाद श्रेणी 8 को निरस्त कर उस भूमि को राज्य सरकार के नाम दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि अब इस भूमि पर गौशाला के साथ मंडल में बनने वाला अटल विद्यालय भी यहीं पर बनवाया जायेगा, अभी तक उसके लिए भूमि नहीं मिल रही थी।
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नोटिस के जवाब में समिति अध्यक्ष का यह था कथन
नोटिस के 29 मई 2020 को दिए जवाब में अशोकपुरी कोआपरेटिव समिति अध्यक्ष अरविन्द पाल ने निबंधन प्रमाणपत्र व गजट नोटिफिकेशन, इंतखाब, लगान आदि की छायाप्रति संलग्न कर कहा था कि समिति की जमीन जो 70 वर्षों से सदस्यों के अधीन है उस पर प्रश्न चिन्ह न उत्पन्न किया जाये अन्यथा की दशा में जनपद में सोनभद्र जैसी स्थिति बनते देर नहीं लगेगी।