दिबियापुर । जो भक्त सदा सत्संग से जुड़े रहते हैं। उनपर कलियुग का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता। वर्तमान में वैचारिक प्रदूषण बढ़ गया है। वैचारिक प्रदूषण बढ़ने से पूरे गांव का संतुलन बिगड़ गया है पहले प्रत्येक घर के आगे वृक्ष होता था, लेकिन अब तो गांवों में भी वृक्ष काफी कम हो गए। इससे पर्यावरण प्रदूषण बढ़ गया है। गांव के लोगों को अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए। यह बात श्री विष्णु धाम में चल रही श्री राम कथा के दौरान कामतानाथ मंदिर चित्रकूट के पीठाधीश्वर जगदगुरु राम स्वरूपाचार्य ने कही।
यह भी देखें : पानी टंकी निर्माण कर रहे कर्मियों की अज्ञात लोगों ने की पिटाई
जगदगुरु ने बताया कि इंसान से जाने अनजाने गलती होती है। इसीलिए मंदिर में प्रभु के सामने प्रतिदिन सुबह शाम जाकर प्रार्थना अवश्य करनी चाहिए कि इतनी शक्ति दें कि हमसे गलती न हो न्याय सत्य के साथ जुड़ा हुआ है। जिसके जीवन के सत्य है, उसी के पास ईश्वर है। उन्होंने कहा कि जन्म की चिंता मत करो, मरण की चिंता करो। रामचरित मानस सनातन धर्म का आदर्श ग्रंथ है, जिसमें आदर्श, रामशंकर कठेरिया, चरित्र, मानवता की सारी कार्यशतो परिलक्षित होती है। आदर्श चरित्र का निर्माण श्रीराम चरितमानस से ही हो सकता है।
यह भी देखें : सम्पूर्ण समाधान दिवस पर कोतवाली अजीतमल में डीएम, एसपी ने सुनी शिकायते
रामचरित मानस मनुष्य को हमेशा से ही भक्ति के माध्यम से भगवान को पाने की लगन रहती है। मनुष्य के हृदय में इच्छा रहती है के राम मिल जाए। जागरण यदि मनुष्य राम को पाना चाहता तो रामचरित मानस को पढ़कर स्वयं भगवान राम के चरित्रों को अनुसरण करके अपने चरित्र का निर्माण कर सकता है। पूर्व कृषि राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत,प्रधानाचार्य राजेश कुमार अग्निहोत्री,आयोजक उमेश प्रकाश, कमलेश अवस्थी ,धीरज शुक्ला,अन्नू शुक्ला, धर्मेंद्र गुप्ता,छायाकार हिमांशु गुप्ता सहित जिला प्रेस क्लब औरैया के जिला मंत्री अमित चतुर्वेदी ने जगद्गुरु का आशीर्वाद लिया। वही शनिवार को राम कथा का समापन हो गया और हजारों लोगो ने महंत जी का आशीर्वाद लिया।