‘‘कोविडोलाॅजी‘‘ पुस्तक से भारत सहित पूरे विश्व को कोविड-19 लडाई में मदद- कुलपति
इटावा: सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय सैफई द्वारा कोविड-19 अस्पताल में भर्ती मरीजों के सफल इलाज के अनुभवों पर आधारित विश्व की पहली पुस्तक ‘‘कोविडोलाॅजी‘‘ का विमोचन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 (डा0) राजकुमार तथा दो कोरोना वारियर्स जो विश्वविद्यालय के कोविड-19 अस्पताल से ठीक होकर डिस्चार्ज हुए के साथ अन्य गणमान्य अतिथियों ने मिलकर किया।
‘‘कोविडोलाॅजी‘‘ के विमोचन अवसर पर योगी निर्वाण देव, प्रतिकुलपति डा0 रमाकान्त यादव, संकायाध्यक्ष डा0 आलोक कुमार, कुलसचिव सुरेश चन्द्र शर्मा, चिकित्सा अधीक्षक डा0 आदेश कुमार, कोविड-19 ओएसडी डा0 शैलेन्द्र कुमार यादव, अपर चिकित्सा अधीक्षक डा0 एसपी सिंह, ओएसडी लेखक एवं सम्पादक मंडल से डा0 अनिल शर्मा (सर्जरी विभाग), डा0 अमित सिंह (सीवीटीएस), विनय गुप्ता (फार्माकोलाॅजी), सोनिया विश्वकर्मा (आब्स एण्ड गाइनी), धीरज यादव (यूडीए) आदि उपस्थित रहे।
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इस अवसर पर बोलते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 (डा0) राजकुमार ने कहा कि कोराना वायरस (कोविड-19) पर लिखी कोविडोलाॅजी सम्भवतः विश्व की पहली ऐसी पुस्तक है जिसमें कोविड-19 के समस्त पहलूओं को समाहित किया गया है। इसमें चिकित्सकीय अनुभव के साथ गहन शोध के आधार पर प्रमाणिक लेख समाहित हैं। उन्होंने बताया कि इस पुस्तक से भारत सहित पूरे विश्व को कोरोना वायरस से लड़ाई में व्यापक मदद एवं मार्गदर्शन मिलेगा। इसके अलावा विश्व के अल्प विकसित देशों के लिए यह पुस्तक काफी महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि कोविड मरीजों के इलाज पर आधारित पुस्तक ‘‘कोविडोलाॅजी‘‘ पूरी तरह टीम वर्क पर आधारित विश्व को मार्गदर्शन देने वाली पहली पुस्तक है जिसे तैयार करने में विश्वविद्यालय के फैकेल्टी मेम्बरस् के अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन तथा कोरोना हेल्थ वर्कर्स का व्यापक सहयोग रहा। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना पाॅजिटिव मरीजों के ठीक होने के बाद भी कुछ लोग उनके साथ-घुलने मिलने में संकोच करते है जो कतई ठीक नहीं है। जरूरत इस बात की है कि कोरोना से ठीक हो चुके कोरोना वारियर्स को पूरा सम्मान दिया जाय।
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इस अवसर पर बोलते हुए कोविडोलाॅजी के संपादकीय टीम के प्रमुख डा0 अनिल शर्मा ने कहा कि पूरी किताब विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 डा0 राजकुमार के मार्गदर्शन में लिखि गयी एक अनूठी किताब है। इस किताब को लिखने के दौरान कोविड-19 से सम्बन्धित चार नये शब्द कोविडोलाॅजी, एलोवैदिक, राज निवार्ण बटी (आरएनबी), राज निवार्ण क्वाथ (आरएनक्यू) का कुलपति प्रो0 डा0 राजकुमार द्वारा चिकित्सा जगत् में इजाद किया गया। पुस्तक में विश्वविद्यालय के कोविड-19 अस्पताल के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, मैनेजमेंट, साइंसेज इन कोविड-19 के बारे में विस्तार से जानकारी देने के साथ ही ‘‘कोविडोलाॅजी‘‘ विश्वविद्यालय के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती होकर स्वस्थ हुए 183 कोविड पाॅजिटिव मरीजों के इलाज के अनुभव पर आधारित पुस्तक है।
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विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा0 रमाकान्त यादव ने कहा कि सम्बन्धित ‘‘कोविडोलाॅजी‘‘ पुस्तक विश्वविद्यालय के कुलपति एवं जाने माने न्यूरोसर्जन प्रो0 डा0 राजकुमार के मार्गदर्शन में लिखी गयी है तथा इसमें कोविड-19 के विभिन्न पहलूओं पर विस्तार से विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा प्रकाश डाला गया है। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व की पहली कोविड-19 के सफल इलाज से मिले अनुभव पर आधारित पुस्तक ‘‘कोविडोलाॅजी‘‘ प्रकाशित कर विश्वविद्यालय ने नया कीर्तिमान बनाया है।